नई दिल्ली : नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट का जो दौर चला उसका
चालू वित्त वर्ष में भी असर रहेगा. इस विषय में देश के आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान है.
इस बारे में योजना आयोग के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ अर्थशास्त्री अभिजीत सेन ने कहा कि जीएसटी के बाद टैक्स व्यवस्था की खामियों का असर इस साल भी दिखेगा.इस कारण आर्थिक विकास की गति धीमी रहेगी. उनके अनुसार वित्त वर्ष 2018 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6 से 6.5 फीसदी के बीच रहेगी.जबकि योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ लगभग 6.2 फीसदी से 6.3 फीसदी के बीच रहेगी.
जबकि दूसरी ओर एक्सिस बैंक चीफ इकनॉमिस्ट सुगता भट्टाचार्या का कहना है कि वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 6.6-6.8 फीसदी रह सकती है.वहीं एसबीआई रिसर्च के चीफ इकोनॉमिस्ट्स सौम्य कांति घोष 7 फीसदी के आंकड़े को पार करना कठिन मानते हैं.हालाँकि उन्होंने तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था में कुछ बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है. जबकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कड़े फैसलों के बावजूद अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है.
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