12 सितम्बर को करें बप्पा का विसर्जन, जाने नियम और मुहूर्त
12 सितम्बर को करें बप्पा का विसर्जन, जाने नियम और मुहूर्त
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इन दिनों सभी जगह गणेश चतुर्थी की धूम देखी जा रही है सभी गणेश भगवान को अपने घर लाए हैं. ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान का विसर्जन किया जाता है ऐसे में हर साल गणेश उत्सव दस दिन तक मनाया जाता है लेकिन अधिकांश लोग जो पूरे दस दिन तक विधि-विधान से पूजा नहीं कर पाते हैं वह दस दिन के बीच में ही विसर्जन कर देते हैं. वहीं इनमे कोई डेढ़ दिन, तो कोई चौथे दिन बप्पा का विसर्जन करता है और कोई ग्यारहवे दिन बप्पा का विसर्जन कर देता है. ऐसे में इस बार अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर को है और इस दिन गणपति का विसर्जन होगा. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं बप्पा के विसर्जन के शुभ संयोग और नियम.


विसर्जन के नियम - कहते हैं विसर्जन के दौरान पानी में देवी-देवताओं की प्रतिमा को डुबोया जाता है और इसके लिए श्रद्धालु, नदी, तालाब व कुंड साग में आप प्रतिमा को विसर्जित कर सकते हैं. इसी के साथ बड़े शहरों में जहां तालाब तक पहुंचना मुश्किल है वहां लोग जमीन में गड्ढा कर के प्रतिमा को विसर्जित कर देते हैं और अगर आपके पास भी छोटी प्रतिमा है तो किसी बड़े बर्तन में प्रतिमा को विसर्जित कर सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जल में आपका पैर ना लगे. आप आप बप्पा का विसर्जन करने जा रहे हैं तो पहले गणपति की पूजा करें और गणेश जी को मोदक, मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद गणपति को विदाई के लिए वस्त्र पहनाएं और एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाी और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बांध दें. इसके बाद विदाई से पहले गणेशजी की आरती करें और जयकारे लगाएं और गणेशजी से क्षमा प्रार्थना करके भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे और उसके बाद पूजा सामग्री और हवन सामग्री जो कुछ भी हो उसे गणेशजी के साथ जल में विसर्जित कर दें.

मूहर्त - ज्योतिषों के मुताबिक अनंत चतुर्दशी इस बार 12 सितंबर, गुरुवार को है और यह पूरा दिन शुभ होता है. वहीं इस बार ज्योतिषों का मानना है कि सुबह 6 बजे से 7 बजे तक, सुबह 9 बजे से 10 बजकर तीस मिनट तक, दोपहर में एक बजकर तीस मिनट से 3 बजे तक अशुभ समय है और इस समय को छोड़कर आप किसी भी वक्त बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं.

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