इलाहबाद : प्रदेश में प्रदूषण और ठंड के उतार-चढ़ाव से गैंगरीन बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं। कानपुर में लाला लाजपत राय अस्पताल की ओपीडी में आए कृष्णानगर के रोहित कुमार के दोनों हाथों की मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठा उंगली गाढ़ी नीली पड़ गई। इसी तरह उनके पैरों की तीन उंगलियां काली पड़ गईं। इनमें गैंगरीन हो गया है।
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अब इतनी हुई संख्या
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोगी ने सीनियर सर्जन की ओपीडी में अपनी दिक्कत बताई। इसी तरह और भी रोगी गैंगरीन की चपेट में आए। पिछले साल की तुलना में इस बार जनवरी के पहले सप्ताह में गैंगरीन के चार गुना अधिक रोगी आए हैं। हैलट के सर्जरी विभाग की ओपीडी में बीते साल जनवरी के पहले सप्ताह में गैंगरीन के 20 रोगी आए थे। इस साल यहां जांच कराने वालों की संख्या 70 हो गई है।
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नसों के सिकुड़ने से खून जम जाता है
प्राप्त जानकारी अनुसार निजी अस्पतालों में भी ऐसे रोगी आ रहे हैं। विशेषयज्ञों का कहना है कि लोग नसों की बीमारी की गिरफ्त में पहले से होते है, लेकिन सर्दी में नसों के सिकुड़ने से खून जम जाता और नसें नीली-काली पड़ जाती हैं। अगर एक बार उंगलियां नीली-काली हुईं तो उन्हें फिर नहीं सुधारा जा सकता। इससे बचाव ही बेहतर तरीका होता है।
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