गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व हर साल मनाया जाता है। अब ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी आज 09 जून दिन गुरुवार को यह पर्व मनाया जा रहा है। आप सभी को बता दें कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। ऐसे में इस साल गंगा दशहरा पर गजकेसरी योग, लक्ष्मी योग और रवि योग बन रहा है, इन दिन पुष्य नक्षत्र भी है। वहीं गंगा दशहरा पर आप गंगा स्नान के बाद पूजा पाठ करें और दान कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अब आज हम जानते हैं गंगा दशहरा पर माँ गंगा की आरती। कहा जाता है पूजा करने के बाद इस आरती का पथ करना चाहिए इससे माँ गंगा खुश होती हैं।
पूजन के आखिर में करें मां गंगा की आरती
ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।
ॐ जय गंगे माता।।।
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।
ॐ जय गंगे माता।।।
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।
ॐ जय गंगे माता।।।
एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता।
ॐ जय गंगे माता।।।
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।
दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता।
ॐ जय गंगे माता।।।
ॐ जय गंगे माता।।।।।
गंगा मंत्र-
* गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
* ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।
* गंगागंगेति योब्रूयाद् योजनानां शतैरपि।
मच्यते सर्व पापेभ्यो विष्णुलोकं सगच्छति। तीर्थराजाय नम:
* गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्।।
गंगा दशहरा के दिन इस एक काम को करते ही पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं