गंगा दशहरा से पहले जानिए गंगा के धरती पर आने की कथा
गंगा दशहरा से पहले जानिए गंगा के धरती पर आने की कथा
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हर साल मनाया जाने वाला गंगा दशहरा पर्व आने वाला है. आप सभी को बता दें कि सनातन संस्कृति का एक पवित्र पर्व है और धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, ''इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था.'' इसी के साथ ही गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है. इस बार गंगा दशहरा 1 जून 2020, सोमवार को है. तो आइए जानते हैं गंगा कैसे आई थी धरती पर.

गंगा के धरती पर आने की कथा - पौराणिक कथा के अनुसार, मां गंगा को स्वर्गलोक से धरती पर राजा भागीरथ लेकर आए थे. इसके लिए उन्होंने कठोर तप किया था. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा ने भागीरथ की प्रार्थना स्वीकार की थी. लेकिन गंगा मैया ने भागीरथ से कहा था कि पृथ्वी पर अवतरण के समय उनके वेग को रोकने वाला कोई चाहिए अन्यथा वे धरती को चीरकर रसातल में चली जाएंगी और ऐसे में पृथ्वीवासी अपने पाप से मुक्त नहीं हो पाएंगे.

तब भागीरथ ने मां गंगा की बात सुनकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की. भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर प्रभु शिव ने गंगा मां को अपनी जटाओं में धारण किया. वहीँ जब गंगा धरती पर आई, तब यहां की बंजर धरती उपजाऊ हुई और हर क्षेत्र में हरियाली आना शुरू हो गई उसी के बाद से गंगा दशहरा पर्व मनाने की शुरूआत हुई. यह पर्व बहुत बेहतरीन माना जाता है और इस पर्व को लोग बहुत धूम-धाम से मनाते हैं.

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