गणेशजी को लगाए 5 या 11 मोदकों का भोग
गणेशजी को लगाए 5 या 11 मोदकों का भोग
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कलियुग में भगवान गणेश के धूम्रकेतु रूप की पूजा की जाती है. जिनकी दो भुजाएं है, लेकिन मनोकामना पूर्ति के लिए बड़ी आस्था से भगवान गणेश का चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय है, जिनमें से एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में पाश, तीसरे हाथ में मोदक व चौथे में आशीर्वाद है. सामान्यत: श्रीगणेश के हाथों में मोदक या लड्डू होने की वजह उनका प्रिय व्यंजन होना ही माना जाता है. 

शास्त्रों में यह वर्णित है कि भगवान गणेश को 5 या फिर 11 लड्डुओं का भोग लगाने से वह जीवन की समस्त बाधाओं को हर लेते है. इन लड्डुओं का भोग लगाने के साथ ही श्रद्धापूर्वक ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जितनी बार संभव हो सके जप करें.

वास्तु दोष दूर करते हैं गणपति - घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा लगाएं. उसकी दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेश जी की प्रतिमा लगाएं. दोनों गणेशजी की पीठ मिल जाना चाहिए. इस प्रकार गणेश जी की प्रतिमा से वास्तु दोषों का शमन होता है. भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो उस स्थान पर घी मिश्रित सिंदूर से स्वास्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है. घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुण्ड की प्रतिमा या चित्र लगाए जा सकते हैं. बस ये ध्यान रखें कि मूर्ति का मुंह दक्षिण दिशा या नैर्ऋत्य कोण में नहीं हो. इसका विपरीत प्रभाव होता है.

बरसेगा धन अगर अपनाएंगे ये उपाय

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