क्या आप जानते हैं कि रेलवे ने 2015 में टिकट कैंसिलेशन और रिफंड नियमों को बदला था उसका फायदा रेल मंत्रालय को किस तरह से हो रहा हैं. भारतीय सरकार द्वारा इन नियमो को काफी सख्त और रिटर्न प्रणाली को महंगा बना दिया गया हैं .
इन नियमों के तहत ट्रेन छूटने के 48 घंटे से 12 घंटे पहले तक टिकट रद कराने पर किराये का 25 फीसद तथा 12 घंटे से 4 घंटे पहले तक रद कराने पर 50 फीसद कैंसिलेशन चार्ज काटने का प्रावधान भी कर दिया गया है और यदि कोई यात्री इसके बाद टिकट कैंसिल करवाता हैं तो उसे इस पर कोई रिफंड नहीं मिलता हैं.
सरकार के बनाएं इन नियमो के तहत कंफर्म टिकट रद कराने पर कैंसिलेशन शुल्क फर्स्ट एसी के लिए 240 रुपये, सेकेंड एसी के लिए 200 रुपये और थर्ड एसी के लिए 180 रुपये कर दिया गया था जबकि सेकेंड स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपये और सेकेंड क्लास के लिए 60 रुपये के कैंसिलेशन शुल्क की व्यवस्था लागू कर दी गई थी. यदि कभी भी कोई यात्री टिकट कैंसिल करवाता हैं तो सबसे ज्यादा फायदा सरकार को ही हो रहा हैं. एक अनुमान के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान रेलवे को आरक्षित और अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों से कुल मिलाकर 49 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हुई.
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