1- पहले 20 रुपये की लेदर बॉल के लिए 11 दोस्त पैसे इकट्ठे करते थे,
आज बॉल तो अकेला ला सकता हूँ ,मगर 11 दोस्त इकट्ठे नही होते !
2- खता मत गिन दोस्ती में,
कि किसने क्या गुनाह किया..
दोस्ती तो एक नशा है,
जो तूने भी किया और मैंने भी किया..
3- मित्र सिर्फ साथी ही नहीं
सारथी भी होना चाहिये.
4- कितने खुबसूरत हुआ करते थे,
दोस्ती के वो दिन,
के सिर्फ दो उंगलिया जुडने से,
दोस्ती फिर से शुरू हो जाती थी..
5- मेरे दोस्त,
छोटी सी बात पर
नाराज़ मत होना,
भूल हो जाए तो माफ़ कर देना.
नाराज़ तब होना
जब रिश्ता तोड़ देंगे,
क्यूँ की ऐसा तब होगा
जब हम दुनिया छोड़ देंगे
6- ना समझो आप इसे नादानी मेरे मन की,
कुछ रिश्ते खुदा खुद से ही बनाता है
जिन रिश्तों में खुदा खुद ही बसता है
उन रिश्तों को दोस्ती के नाम पर इस धरती पे लाता है
7-वफ़ा करके जो दिलों में
बसते है खुदा क़सम ऐसे
दोस्तों पे हम
दिलों-जा से मरते है
8- रिश्तों की यह दुनिया है निराली,
सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी,
मंज़ूर है आँसू भी आँखों में हमारी,
अगर आजाये मुस्कान होंठ पे तुम्हारी
9- तेरी दोस्ती में हम जान ले और दे भी सकते हैं..
तेरे एक इशारे पे कल को आज कर सकते हैं,
तेरे लिए हर गुम को ख़ुशियों में बदल सकते हैं,
बस तू रहना सदा ख़ुश
10- क्युँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्युँ गम को बांट लेते है दोस्त,
ना रिश्ता खून का ना रिवाज से बंधा,
फिर भी जिन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त