दोस्ती के रिश्ते का ही त्योंहार है 'फ्रेंडशिप डे' और इसे एक दोस्त के साथ मनाने का मजा ही कुछ ओर हैं. दोस्ती में दोस्तों के साथ का बड़ा महत्व होता हैं अब वो दोस्त लड़का हो चाहे लड़की इससे फर्क नहीं पड़ता हैं. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. लेकिन आपको बता दें कि एक लड़का और लड़की दोनों एक खास दोस्त भी हो सकते हैं. लोगों को समय के साथ अपनी सोच में भी बदलाव लाने की जरूरत हैं.
दोस्ती एक विश्वास पर टिकी रहती है. एक बार के लिए खून का रिश्ता कमजोर पड जाता है पर दोस्ती का रिश्ता कमजोर नहीं पड़ता है. कई बार देखा जाता है कि लोग लड़का और लड़की की दोस्ती को गलत नज़रिये से देखते हैं. गलत समझने के पीछे कारण होता है की एक लड़का और लडकी का आपस मे मिलना, साथ मे रहना, बोलना समाज के के नियमों के विरुद्ध है. समाज नहीं चाहता है की इन दोनों का रिश्ता दोस्ती का हो. यह जरूरी नहीं की हर कोई इस रिश्ते मे प्यार ही करे. अगर सच्ची दोस्ती है तो उसे समझने की जरूरत नहीं होती है.
ऐसे कई लोग होते है जो सिर्फ दोस्त ही होते है उनके बीच मे कोई नाजायज़ रिश्ता नहीं होता है. यह रिश्ता आकर्षण से शुरू होता है. लेकिन शुरुआत तो दोस्ती से ही होती है. बता दें, जिस रिश्ते मे दोस्ती है वो रिश्ता अपने आप मे मज़बूत होता चला जाता है. सिर्फ नजरिया अच्छा होना चाहिए. नजरिया ही हमे इन्सान की सोच के बारे मे बताता है.