पटना/बिहार: बिहार में विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे चार लाख नियोजित शिक्षकों के समर्थन में राज्य के 2,500 उच्च विद्यालयों के करीब 30 हजार शिक्षक भी हड़ताल पर चले गए हैं। शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य के एक से लेकर 12वीं कक्षा के करीब दो करोड़ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो गई है। पटना, जमुई, दरभंगा, पूर्णिया मोतिहारी सहित विभिन्न जिले के कई क्षेत्रों के विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों ने तालाबंदी कर दी है। कई स्थानों पर नियोजित शिक्षक प्रतिदिन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव केदारनाथ पांडेय ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताते हुए शनिवार को कहा कि सरकार का रवैया शिक्षक विरोधी है। बार-बार अनुरोध के बावजूद सरकार वार्ता को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्च विद्यालयों के शिक्षक किसी भी परीक्षा, मूल्यांकन और सरकारी समारोह में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गत नौ अप्रैल से राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षक एक काम के लिए समान वेतनमान देने तथा सरकारी सेवा में समायोजित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे राज्य के करीब 72 हजार प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हुई है। नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पटना में कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों का वेतनमान तय करने को लेकर एक समिति का गठन किया है।
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