विकसित राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और इसके तीन पड़ोसी जिले कांचीपुरम, चेंगालपट्टु और तिरुवल्लूर में शुक्रवार सुबह से 12 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन शुरू हो गया. इन जिलों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने 19 से 30 जून तक लॉकडाउन की घोषणा की थी. पुलिस लॉकडाउन के दौरान इन जिलों में लॉकडाउन के उल्लंघन का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है. साथ ही उसने गश्त भी बढ़ा दी है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , लॉकडाउन के पहले दिन चेन्नई शहर के भीतर कई सड़कों और गलियों में वीरानगी देखी गई. पुलिस ने मुख्य चौराहों पर अवरोधक लगा रखे हैं और मुक्त आवाजाही रोकने के लिए कई मार्गों को बंद कर रखा है. इस लॉकडाउन के दौरान आपात एवं आवश्यक सेवाओं में कुछ छूट दी जा रही है. किराना, दवा और सब्जी की दुकानों को छोड़ अन्य सभी दुकानें बंद रखी गई हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि होटल और रेस्तरां को केवल पैक्ड फूड बेचने की अनुमति दी गई है. वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी. वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने अगले 12 दिनों तक मीट की दुकानों को भी बंद रखने का आदेश दिया है. लॉकडाउन को देखते हुए चेन्नई के उपनगरीय इलाकों में रहने वाले लोगों ने अपने मूल शहरों में जाने का फैसला किया है. इन लोगों ने मुख्य रूप से आर्थिक कारणों से पलायन किया है. वही, चेन्नई से बाहर जाने वाले मुख्य मार्ग पर यातायात देखा गया. गुरुवार को टोल गेट पर वाहनों की भीड़ भी नजर आइ. कुछ लोग जरूरी सामान के साथ दोपहिया से ही पैतृक कस्बों के लिए निकल गए.
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