"जीवन मंत्र "
सांस और साथ
सांस टूटने से तो इंसान 1 ही बार मरता है;
पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है।
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना।
और
किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।
जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है; और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है।
जैसे:--
दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते।
सूरज - अपने लिए हररात नहीं देता
फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मालूम है क्यों ? ?
क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है।
जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत;
लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना;
क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी।
क्योंकि, कामयाबी दिमाग में घमंड और नकामी दिल में मायूसी पैदा करती है।
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं।
सुखी जीवन के 6 मन्त्र --
1 अगर 'पूजा' कर रहे हो - तो 'विश्वास' करना सीखो !
2 'बोलने' से पहले - 'सुनना' सीखो !
3 अगर 'खर्च' करना है - तो 'कमाना' सीखो
4 अगर 'लिखना' है - तो 'सोचना' सीखो !
5 'हार' मानने से पहले - फिर से 'कोशिश' करना सीखो !
6 'मरने' से पहले - खुल के 'जीना'
इन छोटी छोटी बातों को जीवन में अपना ले तो जीवन सफल हो जायेगा । और शायद स्वर्ग नर्क के चक्कर से भी मुक्त हो जायेंगे ।