नई दिल्ली: CBI ने कहा है कि हैदराबाद स्थित ट्रांसस्ट्रोय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Transstroy India Private Limited) 7,296 करोड़ रुपये के देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड में शामिल है. इस कंपनी ने नौकरानियों, सफाईकर्मियों और ड्राइवरों के नाम पर नकली फर्में बनाई हैं और धन निकालने के लिए उन्हें निदेशक बनाया. ट्रांसस्ट्रोय का स्वामित्व पूर्व टीडीपी सांसद रायपति सांबशिव राव (TDP MP Rayapati Sambasiva Ra) के नाम है.
CBI ने अपनी FIR में आरोप लगाया है कि पद्मावती एंटरप्राइजेज, यूनिक इंजीनियर्स, बालाजी एंटरप्राइजेज और रुथविक एसोसिएट्स जैसी कंपनियों ने 6,643 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर ली. ‘नौ फर्म मौजूद नहीं हैं. कर्मचारियों की सहायता से फर्जीवाड़ा करने के लिए इन्हें बनाया गया. केपीएमजी फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला कि आरोपियों ने केनरा बैंक और 13 अन्य बैंकों से 9,394 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में लिए.
बेंगलुरु में CBI के बैंकिंग फ्रॉड और सिक्योरिटीज सेल ने ट्रांसस्ट्रोय, संबाशिवा राव, कंपनी के CMD चेरुकुरी श्रीधर और निदेशक अक्किनेनी सतीश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया. हालांकि राव ने किसी भी धोखाधड़ी से इनकार किया और कहा कि CBI ने गलत तरीके से FIR दर्ज की. उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल 700 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.
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