आपातकाल की स्थितियों को लेकर सोमनाथ को लगता है डर
आपातकाल की स्थितियों को लेकर सोमनाथ को लगता है डर
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कोलकाता : हाल ही में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी द्वारा देश में आपातकाल के डर जैसी बात का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि अब राजनीति कुछ अलग होती जा रही है। राजनीतिक शत्रुता और बदले की भावना एक नए स्तर पर पहुंच गई है। दुर्भाग्य की बात यह है कि आपातकाल का प्रावधान संविधान में दिया गया है। मामले को लेकर कहा गया है कि नागरिकों के अधिकारों के निलंबन और आधिकारिक या अनाधिकारिक तौर से आपातकाल लगाने का डर हर कहीं छाया हुआ है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों में इस तरह के डर की संभावना सामने आ सकती है। यही नहीं मामले में उन्होंने कहा कि आपातकाल का प्रावधान संविधान में दिया गया है।

मामले में कहा गया है कि नागरिकों द्वारा अपने अधिकारों के निलंबन और आधिकारिक और अनाधिकारिक तौर पर आपातकाल लगाए जाने का डर बनाया गया है। दूसरी ओर राज्य और केंद्र सरकार दोनों में ही आपातकाल को लेकर डर बनाया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि आडवाणी द्वारा अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए साक्षात्कार में कहा गया है कि संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा के उपायों के बाद वर्तमान समय में लोकतंत्र को कुचला जा सकता है। यही नहीं कई तरह की शक्तियां अब मजबूत स्थिति में हैं। जिसमें कहा गया है कि 1975 से 1977 तक आपातकाल के दौरान इस तरह की बातें की गई हैं। मामले में नागरिक स्वतंत्रता को दुबारा निलंबित किए जाने की बात कही गई है।

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