लखनऊ: गाजियाबाद की एक स्पेशल कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व MLA असलम चौधरी को जमीन कब्जाने की कोशिश के एक मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई है। मुकदमे में नामजद पूर्व MLA के तीन साथियों को भी अदालत ने दोषी करार देते हुए छह-छह माह कैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 10,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
MP MLA स्पेशल कोर्ट ने लगभग 17 साल पुराने एक मामले में अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई। मामला मसूरी थाना क्षेत्र के डासना का है। मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष लईक अहमद द्वारा सात जनवरी 2006 को मसूरी थाने में एक केस दर्ज कराया गया। मुकदमे में असलम चौधरी, हाजी निजाम, शाहिद अली और मुजम्मिल पर इल्जाम लगाया गया था कि चारों लोगों ने डासना में उनके मकान पर आए और चारदीवारी ढहा दी। चारों आरोपी जमीन कब्जा कर किसी और को बेचना चाहते थे। मसूरी थाने की पुलिस ने मामले में छानबीन की और कुछ महीने बाद ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
चार्जशीट में असलम चौधरी सहित चारों आरोपियों के नाम थे। उस समय असलम चौधरी एक सियासी दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे। बाद में 2017 से 2022 तक धौलाना विधानसभा क्षेत्र से बसपा के MLA रहे। तब यह मामला स्पेशल कोर्ट में पहुंच गया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय एवं विशेष न्यायालय MP MLA कोर्ट रवि शंकर गुप्ता की बेंच ने पूर्व चेयरमैन की जमीन कब्ज़ाने की कोशिश के इस मुकदमे में अंतिम सुनवाई की गई। ठहराया तथा चारों अभियुक्तों को छह-छह माह की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया।
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