ओडिशा में बीते शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 288 लोगों की जान चली गई है. वहीं, हजारों लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है. रेलवे और राज्य सरकारों की ओर से मृतकों और जख्मियों के परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा कर कर दी है. इस बीच एक ऐसा केस सुनने के लिए मिला है, जिसे जानकर आप अपने दांतों तले उंगली दबा लेंगे. ओडिशा की एक महिला ने मुआवजे की रकम पाने के लिए अपने पति को ही मरा हुआ घोषित किया जा चुका है.
ये केस कटक जिले के मणियाबांदा का है. यहां रहने वाली गीतांजलि दत्ता नाम की महिला ने दावा किया कि मेरे पति बिजय दत्ता की शुक्रवार को ट्रेन एक्सिडेंट में मौत हो गई थी. मैंने खुद उनके शव की पहचान भी कर ली है. बाद में जब महिला के दावे की जांच पड़ताल की गई तो दस्तावेज खंगाले गए, इसके उपरांत पता चला कि महिला का दावा झूठा है और उसका पति जिंदा है.
पति ने खुद पत्नी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत: दिलचस्प बात यह है कि महिला के पति बिजय दत्ता ने खुद अपनी पत्नी के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है. कहा जा रहा है कि अब महिला फरार है. महिला बीते तकरीबन 13 वर्ष से अपने पति से दूर रह रही है. पहले तो पुलिस ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया लेकिन बाद में उसके पति ने पुलिस में केस भी दर्ज करवा दिया है. पति ने पुलिस से महिला के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, क्योंकि वह उसकी सारी संपत्ति हड़पना चाहती है. इस मामले के सामने आने के उपरांत मुख्य सचिव पीके जेना ने रेलवे और ओडिशा पुलिस को सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि लोग फर्जी दावा करके मुआवजा हासिल करने का प्रयास भी कर रहे है.
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