शिप्रा ने किया शिव का अभिषेक, झमाझम बारिश से आया नदी में उफान
शिप्रा ने किया शिव का अभिषेक, झमाझम बारिश से आया नदी में उफान
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उज्जैन : मध्यप्रदेश के पांच प्रमुख शहरों में आंका जाने वाला और शिव का धाम कहा जाने वाला पौराणिक शहर उज्जैन शनिवार रविवार के दरमियान जलनगरी में तब्दील हो गया। इंदौर उज्जैन स्टेट हाईवे से प्रवेश करते ही सड़क के आसपास जहां भी लोगों की नज़र गईं वहां पानी ही पानी नज़र आया। पानी में डूब चुके ऊंचे पेड़ बौने लग रहे थे वहीं खेतों में पानी भर गया मानो वहां खेत नहीं तालाब हों। रिहायशी इलाके में तो मकानों के आसपास जल जमाव की स्थिति बन गई। हालात ये रहे कि कुछ क्षेत्रों से लोगों को नाव चलाकर सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचाया गया। शिप्रा में आई बाढ़ से शिप्रा किनारे बसे निचले क्षेत्रों में पानी भर गया। हमेशा शांत रहने वाली मां शिप्रा इस बार भी शांत रही लेकिन मौसम में अपना स्वरूप फिर से भरा होने पर इतनी खुश नज़र आ रही थी मानो इसकी जलधार शिव का अभिषेक करने ही चल पड़ी हो।

शिप्रा के समीप मौजूद कई मंदिर जलमग्न हो गए तो इनके शिखरों को शिप्रा में आए उफान लाटेंछूने का प्रयास करती रहीं। यही नहीं श्री महाकालेश्वर मंदिर के नए नंदी हाॅल में भी पानी भर गया। शनिवार से शुरू हुई झमाझम बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है और पानी अभी भी बरस रहा है। ऐसे में शहर में करीब 18 इंच बारिश दर्ज की गई। इतनी बारिश से जहां लोगों के घरों में पानी घुस गया वहीं सिंहस्थ 2016 के आयोजन के लिए शहर में पर्याप्त पानी आने से लोग खुश हो उठे। शनिवार को जैसे ही बादलों से घिरा आसमान गड़गड़ाहट से गूंज उठा सभी की नज़रें आसमान की ओर उठने लगीं। लगाजैसे तेज़ बारिश होने वाली है। कुछ ही देर में बारिश की मोटी और तेज़ बूंदें उज्जैनवासियों को तर करने लगी। कुछ ही मिनटों में बारिश ने झमाझम झड़ी का रूप ले लिया और सड़कों पर मौजूद लोग तरबतर हो गए।

इस दौरान कई रिहायशी इलाकों में जलजमाव की स्थिति निर्मित हो गई। देखते ही देखते शिप्रा खतरे के निशान तक पहुंच गई और इसकी जलधारा ने अपने तटबंध तोड़ दिए। ऐसे में शिप्रानदी का जल गणगौर दरवाजा क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में घुसने लगा वहीं रामघाट पर मौजूद शिप्रा आरती द्वार जलमग्न हो गया। बारिश का पानी लगातार बढ़ता चला गया और इसने दत्त अखाड़ा द्वार कोभी करीब आधा जलमग्न कर दिया। ऐसा लगा जैसे मां शिप्रा की जलधारा द्वार पर लगे कलश में समाने का प्रयास कर रही हो। समीपवर्ती शहर इंदौर में जोरदार बारिश के चलते शहर में तेजी से शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। रविवार शाम को यशवंत सागर के 4 गेट खोले जाने के बाद यहां शिप्रा का जलस्तर और बढ़ गया। लगातार बारिश के कारण शिप्रा नदी के घाट पानी में डूब गए और शिप्रा नदी की जलधारा यहां प्रतिष्ठापित मंदिरों के शिखरों को छूते हुए बहने लगी।

ऐसे में मंगलनाथ के समीप प्रतिष्ठापित श्री अंगारेश्वर महादेव भी जलमग्न हो गया। मां शिप्रा आनंदित होकर शिव का अभिषेक करती हुई बहने लगी।शिप्रा में आए उफान को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग शिप्रा नदी के किनारों की ओर उमड़ने लगे। रविवार को शिप्रा नदी का जलस्तर और बढ़ गया और बाढ़ का पानी चक्रतीर्थ श्मशान घाट के आगे बने बड़ेपुल को छूते हुए बहने लगा। ऐसे में बड़नगर की ओर जाने वाला मार्ग अवरूद्ध हो गया। शिप्रा नदी के किनारों और घाटों के आसपास कड़े सुरक्षा बंदोबस्त कर यहां लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। तो दूसरीओर 2250 एमसीएफटी जलग्रहण क्षमता वाले गंभीर बांध के 5 गेट खोल दिए गए। शिप्रा नदी में आए उफान के चलते निचले क्षेत्र से लोगों को हटा दिया गया है।

उज्जैन के समीपवर्ती टिगरिया के नाले में भी उफान आ गया जिससे इससे जुड़े गांवों का संपर्क भी टूट गया। तो दूसरी ओर शांतिनगर में नाव चलाकर लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया।  बारिश का दौर लगातार जारी है। हालात ये हैं कि रेलवे ट्रेक जलमग्न होने के कारण कई प्रमुख ट्रेनें निरस्त हो गईं। उज्जैन के आसपास देवास शाजापुर रतलाम मंदसौर नीमच बदनावर आदि क्षेत्रों में भी जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दूसरी ओर इंदौर में बारिश का यह आंकड़ा 18.5 इंच तक पहुंच गया। यही नहीं मौसम विभाग का मानना है कि चार तरह के सिस्टम बनने से इंदौर उज्जैन आदि क्षेत्रों में बारिश हो रही है। तो दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का असर होने से इन क्षेत्रों में सिस्टम बन रहा है।

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