2015 World : कभी ख़ुशी कभी गम से भरी यादों का पिटारा
2015 World : कभी ख़ुशी कभी गम से भरी यादों का पिटारा
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तारीखें हम भले भूल जाए पर यादें....इस चारों पहर चलने वाले दिमाग में कैद हो जाती है । जब भी इन यादों के झरोखे से एक पन्ना पलटो तो निश्चय ही एक मुस्कान बिखर आती है । इस साल में कितनों ने नई दुनिया में कदम रखा होगा, कितनों ने नई दुनिया बसाई होगी...कितने ही अपनों से मिले होंगे और अनगिनत अपनों से बिछड़े होंगे.....शुरुआत बिछड़ने से करते है, ताकि मिलने का मजा 100 गुना बढ़ जाए।

पेरिस अटैक -  जिसने सुना वो वहीं थम गया, बिना रुके आँखो से झर-झर पानी बह गया। पेरिस शहर में आतंकियों ने बड़ी ही बेरहमी से 133 लोगो को मार डाला । सुसाइड बॉम्बर की ये कहानी इसलिए और भी दर्दनाक हो गई क्यों कि इसमें एक महिला भी शामिल थी । इस अटैक के दो दिनों के भीतर ही फ्रांस की सरकार और फ्रांस की पुलिस ने मिलकर 133 लोगो के मारे जाने का बदला लिया और दिखा दिया कि अब ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा, आँसूओ से नही । साथ ही इस घटना ने दुनिया के शीर्ष देशों जैसे रुस, अमेरिका व ब्रिटेन को भी एकजुट किया।

नापाक आईएसआईएस-  यूं तो इनका नाम लेना भी मुझे गंवारा नही है.....लोग कहते है कि आईएसआईएस का उदय सद्दाम हुसैन के अंत के अंत का परिणम है । 2015 में इस खूंखार आतंकी संगठन ने जमकर उत्पात मचाया। दहशत का मंजर फैलाने के लिए अनगिनत प्रोपगैंडा वीडियो जारी किए । पर अब कई शक्तिशाली देश इसे सबक सिखाने के लिए कमर कस चुके है। ये स्वंय फरमान जारी करते है कि औरतों को सिर से पांव तक ढंका हुआ होना चाहिए, लेकिन खुद उन्हें नरक के बाजार में बेचते है । 2016 इनके काले साम्राज्य का अंत लिखेगा । इनके खौफ से अब तक ढाई लाख लोगो की मौत हो चुकी है और 20 लाख से अधिक लोगो ने अपना घर छोड़कर पलायन कर लिया है ।

नेपाल की तबाही-  2015 मे नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप ने नेपाल को अंदर तक झकझोर दिया । इस प्राकृतिक त्रासदी का मैग्नीट्यूट 7.3 रहा, जिसमें करीबन 7000 लोग मारे गए और 17000 लोग बुरी तरह घायल हुए । कई दिनों तक परिवार वाले एक-दूसरे से मिल नही पाए । कई देशों ने हर तरफ से नेपाल की मदद की । इन संकटों से नेपाल उबरने का प्रयास कर ही रहा था कि नई सरकार और मधेशियों के बीच अलग संविधान की मांग को लेकर जंग छिड़ गई, जो अब भी जारी है । नेपाल में फ्यूल क्राइसिस है ।

जीवन की शुरुआत ही नही हुई-  एक बच्चा जिसने दुनिया को पूरी आँखो से अभी देखा भी नही था और विदा हो गया लेकिन पीछे कई सवालों के साथ हर आम और खास को भीतर तक झकझोर गया । सवाल कि हम अपने आने वाली पीढ़ी को कैसी दुनिया सौंप रहे है । एलेन कुर्दी नाम के एक बच्चे का शव समंदर किनारे पाया गया, जिसने दुनिया के खराब हालात को बयां कर दिया । यह बच्चा अपने परिवार के साथ जान बचाने के लिए दूसरे देश भाग रहा था । आधी रात को ही ये परिवार एक नाव के सहारे समंदर पार कर रहा था, जिसमें पूरा परिवार मारा गया । इस बच्चे ने सभी की आँखो को आँसू की धार में डुबो दिया।

मीडिया का पंचनामा-  भीड़ में बैठी तो सबने कहा अरे ये सब बढ़ा-चढ़ा कर दिखाते है । वाकई 2015 में मीडिया ने नाकारात्मक भूमिका दिखाई और अपना ही माखौल उड़ाया । इस साल सनसनी के होड़ में जायज मुद्दो को तवज्जों नही मिल पाई । भारतीय मीडिया ने बीफ और असहिष्णुता जैसे शब्दों को 24 घंटे में 100 बार दिखाया तो वहीम अमेरिका में भी सनसनी के नाम पर कुछ भी परोसा गया । उम्मीद है आने वाले समय में मीडिया अपनी सकारात्मक छवि का फिर से निर्माण कर सके ।

कार्टून का कारनामा -  कोई कुछ भी कहे, हम तो आगे जाएंगे ही । भारत ने इस साल इसी वादे के साथ कदम बढ़ाया, तो पश्चिमी देशों के कान खड़े हो गए । अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक विवादास्पद कार्टून बनाकर इंडिया को नीचा दिखाया । इस कार्टून में इस साल हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की राह में भारत को रोड़ा के रुप में दिखाया गया है । इसमें एक हाथी के उपर भारत लिखा गया है । दूसरी ओर द ऑस्ट्रेलियन अखबार ने भी एक कार्टून प्रकाशित कर भारत का माखौल उड़ाया । इन दोनो ही कार्टून की पूरी दुनिया में भर्त्सना हुई और उल्टे उनकी ही जगहसाई हुई ।

दो पल की थी ये खुशी-  दुनिया में मिस यूनिवर्स के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी फर्स्ट रनर अप को 45 सेकेंड के लिए विनर का 20 करोड़ की कीमत वाला नीले हीरों से जड़ा ताज पहनाया गया । इस में गलती होस्ट करने वाले स्टीव हार्वे की थी । 2015 में वैश्विक पटल पर हुई ये घटना सबसे अधिक चर्चा में रही । इस गलती के बाद हार्वे ने तो माफी मांग ली, लेकिन कोलंबियन लोगो का कहना है कि हार्वे ने हमारा मजाक उड़ाया है। मजे की बात ये है कि 2016 में भी हार्वे ही मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता को होस्ट करेंगे, तो ताज पहनने से पहले कंफर्म जरुर कर ले कि वो आपके हिस्से का ही हो ।

भाई-भाई ते बेन-बेन-  अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए गे मैरिज को मान्यता दे दी । जिससे पूरा अमेरिका झूम उठा । यहाँ तक कि इस खास मौके पर अपनी सहमति जताने के लिए व्हाइट हाउस को भी इंद्रधनुषी रंग से सजाया गया । इतना ही नही दुनिया के मोस्ट पावरफुल देश के प्रेसीडेंट बराक ओबामा ने भी कहा- Love is Love । कोर्ट के इक फैसले के बाद 80 साल के दो बुजुर्गो ने शादी भी की ।

पर्सनैलिटी ऑफ द इयर-  दुनिया भर के अग्रणी इंटरनेट सर्च इंजन याहू की 2015 में भारत के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति की सूची में गाय ने सबको पीछे कर पहला पोजिशन बनाया । गाय ने यह तमगा कई खास व्यक्तित्व को पछाड़ते हुए हासिल किया। गाय पर इस साल सबसे ज्यादा बातें हुई । यह एक ओर तो फनी है, पर दुजे पल सच भी ।

वर्ड ऑफ द इयर-  इस साल सभी पिछले नियमों को भुलाते हुए दुनिया की सबसे विश्वसनीय डिक्शनरी ऑक्सफोर्ड ने किसी शब्द को वर्ड ऑफ द इयर नही बनाया बल्कि एक स्माइली को इस साल का वर्ड ऑफ द इयर बनाया गया । ये था फेस विद टियर ऑफ जॉय । यह मूड और इथोज को दर्शाने का परफेक्ट चेहरा है । डिक्शनरी ने भी इसे इसीलिए चुना क्यों कि 2015 में इसका सबसे ज्यादा प्रयोग किया गया । इसके साथ इस वर्ड ऑफ द इयर की दौड़ में रिफ्यूजी, ऐड ब्लॉक, दे, शेयरिंग इकोनॉमी जैसे कई शब्द थे । पर 2015 में इमो जी के प्रयोग में बेतहाशा वृद्धि हुई ।

                                                                                                                                                 रीता राय...

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