Jan 11 2016 03:28 PM
गुरदासपुर। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के दो दिन बाद 4 जनवरी को अचानक एयरबेस के पास गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाजे आने लगी. मीडिया में इस बात की खबर आग की तरह फ़ैल गई. यह गोलिया आतंकियों की तलाशी अभियान के तहत चलाई गई. आईएएफ और नेशनल सुरक्षा गार्डस (एनएसजी) कमांडोज को एयरबेस के पास दो संदिग्ध आतंकी जमीन पर रेंगते दिखाई दिए. संदिग्धों के दिखाई देने के अलर्ट के बाद गोलिया चलना शुरू हो गई. इतना ही नही इस दौरान लड़ाकू विमान को मैदान में उत्तर दिया गया. कई घंटो तक गोलिया जारी रही.
जानकारी के मुताबिक हेलकॉप्टर में मौजूद जो कर्मी थर्मल इमेजिंग उपकरण का उपयोग कर रहे थे, उन्होंने बताया कि 2 संदिग्ध आतंकी एयरबेस की ओर रेंगते हुए जा रहे हैं. संदिग्ध आतंकियों को चेतावनी दी गई, लेकिन जब इसका कोई असर नहीं हुआ तो गोली चलाई गई. जब दोनों भागने लगे तो गोलीबारी शुरू कर दी गई.
लेकिन भारतीय सेना को उस समय शर्मिंदगी उठाना पड़ी जब उनके सामने हकीकत आई. जिन दो संदिग्ध को मार गिराने के लिए सेना गोलिया चला रही थी वह आतंकी नही बल्कि जंगली सूअर थे. ये सूअर पास के रिहायशी इलाके से एयरबेस में घुस आए थे.
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