हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, कहा जंगलों में आग स्थायी समस्या है
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, कहा जंगलों में आग स्थायी समस्या है
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देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग अभी पूरी तरह बुझी भी नहीं कि आग की लपटों ने शिमला के जंगलों को भी अपनी हवस बना लिया है। प्रशासन के अनुसार, उतराखंड के जंगलों में लगी आग पर लगभग काबू पा लिया गया है। इसी कड़ी में चंडीगढ़-शिमला हाइवे पर कुम्हारहट्टी के जंगलों में लगी आग फैल रही है।

उतराखंड में लगी आग ने पिछले 4 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आग से हिमालय के ग्लेशियर भी पिघल सकते है। 4-5 शहर मिलकर एक साल में प्रदूषण से जितना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते है, उतना ही प्रदूषण यह आग हर दो घंटे में फैला रहा है।

उतराखंड के जंगलों में पिछले 90 दिनों से आग लगी हुई है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, उतराखंड़ में कुल 1200 जगहों पर आग लगी थी, जिसमें से अब केवल 60 जगहों पर ही बाकी रह गया है। आग के मामले में पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में भी लिया है।

आगे इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती है। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। उतराखंड के चमोली में आग बुझाने के दौरान एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई। चमोली की पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि चीडा में आग बुझाने के काम में लगे पुलिस कांस्टेबल पंकज चौहान पर कल शाम पहाडी से एक बोल्डर गिर पडा।

जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कांस्टेबल चौहान के परिजनों को चार लाख रूपए मुआवजा देने की घोषणा की है। शिमला में भी 50 हेक्टेयर में आग फैल चुकी है। उधर जम्मू-कश्मीर के राजौरी में भी आग से कई जंगल खाक हो गए है।

प्रशासन के अऩुसार, ज्यादातर जगहों पर आग से काबू पा लिया गया है। नैनीताल हाइ कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस वी के बिष्ट में मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को प्रभावी रुप से लागू किया जाए। जंगलों में आग स्थायी समस्या है।

\इसके लिए पहले से इंतजाम करने की आवश्यकता है। अगली सुनवाई 9 मई को होनी है। बीते दो साल में जंगलों में आग लगने की 35000 घटनाएं सामने आई है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने इस मामले को सदन में उठाते हुए कहा कि उतराखंड में गंभीर पारिस्थितिकी आपदा सामने आई है और प्रदेश में कोई भी चुनी हुई सरकार नहीं है, वहां आग बढ़ती ही जा रही है।

आग हिमाचल प्रदेश की ओर बढ़ रही है। कॉर्बेट पार्क की ओर आग के बढ़ने से राजाजी नेशनल पार्क को भी खतरा है। सौगत राय ने कहा कि वहां धुंआ गहरा होने के कारण एनडीआऱएफ को आग बुझाने में परेशानी हो रही है। हांला कि गृह मंत्री ने प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक की है।

बीजेपी के रमेश पोखरियाल ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि इस घटना में आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है। काफी संख्या में पशु-पक्षी की भी मौत हुई है। उन्होने कहा कि आग लगने से तापमान बढ़ रहे है और इससे ग्लेशियर सिकुड़ रहे है और मूल्यवान जड़ी-बूटियां नष्ट हो रही है। स्थिति को देखते हुए हिमनद प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए। 11 हजार वन पंचायतों को तत्काल प्रशिक्षित किया जाए।

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