इंगेजमेंट रिंग को उँगलियों में गढ़वा रही लकड़ियां, ये है कारण
इंगेजमेंट रिंग को उँगलियों में गढ़वा रही लकड़ियां, ये है कारण
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श्रृंगार के मामले में आज तक आपने नाक, कान, नाभि या फिर आई ब्रो छिदवाने के बारे में सुना होगा. लेकिन अब एक नया ट्रेंड आया है जिसमें लड़कियां उँगलियों को छिदवा रही हैं. नए जमाने में लोगों के बीच इंगेजमेंट रिंग पियर्सिंग भी बड़ी तेजी से फेमस हो रहा है. बहुत से कपल्स अपनी इंगेजमेंट रिंग अपनी उंगलियों में जड़वा रहे हैं. ऐसा करने में तकलीफ तो होती है लेकिन नए जमाने में अपने पार्टनर के प्रति प्यार जताने का यह एक नया और अनोखा तरीका साबित हो रहा है. तो आइये जानते हैं ऐसा क्यों कर रही हैं लड़कियां और क्या कारण है इसके पीछे. 

दरसल, कमिटेड लाइफ के प्रतीक के तौर पर पहने जाने वाली अंगूठियों की जगह रिंग पियर्सिंग एक दूसरे को लेकर विश्वास को ज्यादा मजबूती से व्यक्त करता है. रिंग पियर्सिंग में तकलीफ तो होती ही है साथ ही बाद में जब आप रिंग हटाते हैं तो आपकी उंगली में उसका दाग भी रह जाता है. ऐसे में आप चाहकर भी अपनी रिलेशनशिप से पूरी तरह से अलग नहीं हो सकते. आपको ये भी बता दें, बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बड़ी-बड़ी रिंग्स पहनना पसंद नहीं होता. ऐसे लोग रिंग पियर्सिंग इस्तेमाल में ला सकते हैं. इसमें 2 पीस ज्वैलरी के मेटल वाले फ्लैट हिस्से को स्किन की सतह में घुसाया जाता है.

वहीं हीरे और इसी तरह की महंगी धातुओं की अंगूठियां पहनने वाली लड़कियां इस तरीके को ज्यादा इस्तेमाल में ला रही हैं. इससे उनके खोने का डर भी खत्म हो जाता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक औसतन ब्रिटिश कपल तकरीबन एक लाख रूपए की इंगेजमेंट रिंग पहनता है. ऐसे में अगर वह रिंग पियर्सिंग करवाता है तो इससे कीमती रिंग के खोने का डर कम होता है. साथ ही इससे आपका प्यार भी प्रगाढ़ होता है.

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