वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- शिक्षा ऋण माफ़ करने की सरकार की कोई योजना नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- शिक्षा ऋण माफ़ करने की सरकार की कोई योजना नहीं
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में साफ़ किया कि देश और विदेशों में शिक्षा हासिल के लिए जाने वाले युवाओं को दिए जाने वाले शैक्षणिक लोन को माफ करने के लिए कोई योजना नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा शुरु की गई मॉडल शैक्षिक ऋण योजना के अनुसार, भारतीय नागरिकों को देश और विदेशों में उच्च शिक्षा हासिल करने में सहयोग के लिए शिक्षा ऋण मुहैया कराया जाता है।

निर्मला सीतारमण ने बताया कि इसका मकसद युवाओं को अर्हता, पेशेवर दक्षता प्रदान करना और उद्यिता के जरिए लाभप्रद रोजगार प्राप्त करने के लिए कौशल दक्षता विकसित करने या स्व-रोजगार के मौके तलाशने में उन्हें सक्षम बनाना है। उन्होंने बताया कि देश में शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों को मिलने वाले लोन की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये और विदेशों में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों को अधिकतम 20 लाख रुपये लोन देने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि यह सावधिक लोन होता है और छात्रों को यह 15 साल की अवधि में वापस चुकाना होता है। उन्होंने बताया कि अगर छात्र स्टार्ट अप उद्यम स्थापित करना चाहता है तो कौशल विकास (इंक्यूबेशन) अवधि के लिए भी अधिस्थगन की सुविधा मौजद है और कैरियर की शुरुआत में कम वेतन वालों के लिए बढ़ती किस्त के साथ पुनर्भुगतान की सुविधा भी प्रदान की गई है।

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