फ्रीकी देश जाम्बिया ने देश में औरतों के खतने पर पाबंदी लगा दी है। इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री ने दो दिन पहले सरकार के इस फैसले की पुष्टि की, कुछ देश ऐसे है जहा पर अभी भी इस परम्परा को निभाया जा रहा है और कही पर पाबंदी भी है।
मिस्र: मिस्र में निवासरत आबादी में वहां पर रहने वाली अधिकतर लड़कियों व महिलाओ को खतना की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. मिस्र में 9 से 12 साल की उम्र में ही लड़कियों की खतना कर दी जाती है. यहां पर 92 फीसदी शादीशुदा महिलाएं खतना की प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं.
फ्रेंच गुयाना: गुयाना में भी खतना गैरकानूनी है. बावजूद विश्व में सबसे अत्यधिक खतना के मामले में यह दूसरे स्थान पर है. 2005 के एक सर्वे के मुताबिक, 15 से 49 साल की 96 फीसदी महिलाएं खतना की प्रक्रिया से गुजरीं.
माली: खतना के संबंध में माली भी पीछे नही है. यहां पर 2006 में 15-49 साल की उम्र की 85.2 फीसदी महिलाएं इस प्रक्रिया से गुजरीं है.
एरिट्रिया: एरिट्रिया की सरकार ने 2003 में जारी रिपोर्ट में त्यधिक खतना के मामले की दर 89 फीसदी बताई गई थी. यहां के ग्रामीण इलाको ने धर्म के दृष्टिकोण से इसे जायज मन है. 2007 में बने कानून के बाद इसे वहां पर गैरकानूनी करार कर दिया.
सोमालिया: यहां पर प्रदर्शित की गई 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक दावा किया था कि सोमालिया में 97.7 फीसदी महिलाएं और लड़कियां खतने की प्रक्रिया से गुजरीं है. यहां पर 2012 में संविधान में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया. परन्तु वहां इस पर रोक नही लग पाई.
जिबूती: यहां पर यूनिसेफ की 2010 की रिपोर्ट में जिबूती को दुनिया का दूसरा ऐसा देश बताया गया था, जहां तीसरे स्तर के खतने की दर अत्यधिक है. यहां पर 93 फीसदी से 98 फीसदी महिलाओं की खतना होती है.
बुर्किना फासो: इस देश की आबादी डेढ़ करोड़ से थोड़ी ज्यादा है परन्तु यहां पर महिलाओ पर खतना की यह प्रक्रिया यहां की संस्कृति में सम्मिलित है. 2006 की अपनी रिपोर्ट में दर्शाया गया है की यहां खतने की दर 72.5 फीसदी थी.