दानापुर: डायरेक्टेरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) ने प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर दो चरस तस्करो को अपनी हिरासत में लिया है. डीआरआइ ने बुधवार की सुबह एसएसबी की मदद से इस काम को अंजाम दिया. ये चरस तस्कर बाप बेटे है. सूचना के अनुसार डीआरआइ ने पश्चिम चंपारण के साठी थाने के बसंतपुर गांव निवासी ध्रुव यादव के निवास स्थान पर छापेमारी कर दो बोरे में 37 किलो चरस के साथ ध्रुव यादव व उसके पुत्र लोरिक यादव को अपनी गिरफ्त में लिया है. भारत में इसका मूल्य 37 लाख व अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3.70 करोड़ रुपये ज्ञात हुआ है.
डीआरआइ से जानकारी मिली है कि हमे गुप्त रूप से सूचना मिली थी कि " नेपाल मार्ग से चरस सीमावर्ती बसंतपुर गांव में आ रहा है. इसी आधार पर एसएसबी के जवानो की मदद से तस्कर ध्रुव यादव के घर में सुबह छापेमारी की करवाई को अंजाम दिया गया और दो तस्कर को अपनी हिरासत में ले लिया. डीआरआइ ने जानकारी दी कि तस्कर ध्रुव ने स्वीकार किया है की यहां से पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उतर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में तस्करों के माध्यम से चरस का धंधा किया जाता है.
इतना ही नहीं ध्रुव ने बताया ध्रुव व उसके पुत्र कई सालो से नेपाल से रात्रि में मजदूरो की सहायता से चरस अपने घर तक ले जाते थे. सूत्रों के मुताबिक़ दोनों ने कई सारे नाम उजागर किये है. डीआरआइ ने उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष छापेमारी की तयारी की है. डीआरआइ ने सूचना दी कि गिरफ्तार तस्कर की पहले न्यालय में पेशी की गयी. पेशी के बाद दोनों तस्करो को मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. डीआरआइ सूत्रों ने जानकारी दी कि नेपाल से लाये गये चरस का सीमावर्ती जिलों में संग्रह किया जाता है और यहां से छोटे-छोटे कनसाइनमेंट को देश के अन्य राज्यों के अलावा विदेशों तक में सप्लाई किया जाता है.