संसार के सभी धर्मों में उपवास को ईश्वर के निकट पहुँचने का एक सबसे कारगर उपाय माना गया है। उपवास करने से शरीर स्वस्थ रहता है, आयुर्वेद समेत दूसरी सभी चिकित्सा पद्धतियों में उपवास यानी पेट को खाली रखने की प्रथा रही है उपवास का धार्मिक अर्थ न ग्रहण करते हुए इसका चिकित्सकीय रूप समझना चाहिए। पेट को खाली रखने का ही अर्थ उपवास है
उपवास के अनगिनत फायदे हैं।
उपवास जितना लंबा होगा शरीर की ऊर्जा उतनी ही अधिक बढ़ेगी। उपवास करने वाले को श्वास विकार रहित हो जाता है, उपवास आपके शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल फेंकता है। शरीर में जमा विषैले तत्व , थूक, पसीना, उल्टियाँ, कभी-कभी दस्त के रूप में बाहर निकलते हैं
उपवास के क्या फायदे है।
तत्काल एवं सुरक्षित तरीके से वजन घटता है.
आंतों में भोजन से रस सोखने की क्रिया में वृद्धि होती है.
आपके हाथ-पैरों का संचालन आसानी से होने लगता है.
जल्दी वजन घटता है पकी हुई सब्जियाँ, अन्न या अन्न के बने दूसरे पदार्थ, इसके अलावा चाय, दूध, दही, मक्खन (आलू की चिप्स,
साबुदाने की खिचड़ी, मूँगफली के दाने या फरियाली मिक्चर भी उपवास में इन सब शीजू से बचना चाहिए.