Mar 09 2017 12:15 AM
एकादशी का व्रत करने से न केवल सुख समृद्धि का आगमन घर में होता है तो वहीं समस्त पापों का भी नाश एकादशी व्रत करने से हो जाता है। पंद्रह दिनों में अर्थात माह में दो बार एकादशी का वत आते है और इन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। एकादशी और व्रत करने का महत्व हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में विस्तार से उल्लेखित है।
अमुमन एकादशी करने वाले श्रद्धालु दोनो समय फलाहार करते है, यह शास्त्रोक्त दृष्टि से उपयुक्त नहीं माना जा सकता। यदि एक समय ही फलाहार किया जाये तो उत्तम होता है। इसके अलावा एकादशी के दिन किसी ब्राह्मण को भी दान दक्षिणा देने से एकादशी का पुण्य फल प्राप्त होता है।
भले ही एकादशी का व्रत न करने की न बने लेकिन दान दिया जाये तो भी शुभ फल मिलता है। व्रत करने से आत्मा और तन दोनों ही शुद्ध होते है। हर एक एकादशी का अपना विशेष महत्व है। एकादशी व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को कथा का भी श्रवण जरूर करना चाहिये।
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