एमपी में बढ़ती किसानों की आत्महत्या
एमपी में बढ़ती किसानों की आत्महत्या
Share:

एमपी : मध्य प्रदेश को फ़िलहाल कभी ख़ुशी ,कभी गम के दौर से गुजरना पद रहा है . एक ओर मध्य प्रदेश को पिछले हफ्ते लगातार पांच वर्षों तक कृषि क्षेत्र में दोहरे अंकों में विकास दर्ज करने के लिए प्रधान मंत्री से कृषि कर्मण पुरस्कार मिला, वहीं दूसरी ओर राज्य में किसानों के द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं की संख्या बढ़ना चिंता का विषय बन गया है.

एमपी में किसानों के ताज़ा हालातों के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री पुरुषोत्तम रुपला ने 20 मार्च 2018 को लोकसभा में यह गंभीर जानकारी दी कि वर्ष 2016 में मध्यप्रदेश में हर आठ घंटे में एक किसान ने आत्महत्या की थी. वहीं इस वर्ष में 1,321 किसानों ने आत्महत्याएं की , जो कि वर्ष 2013 के बाद से सबसे अधिक थी सबसे चिंताजनक बात यह है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश भर में किसानों की खुदकुशी के मामलों में 10 फीसदी की कमी आई है, लेकिन मध्यप्रदेश में 2013 से यह आंकड़ा 21 फीसदी बढ़ गया है.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2016 के आंकड़ों के आधार पर देश में किसानों की आत्महत्याओं के मामले में मध्य प्रदेश तीसरी पायदान पर है. 2011 से 2016 के बीच मध्यप्रदेश में किसानों की खुदकुशी के 6,071 मामले दर्ज किए गए.कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लोकसभा में 2016 के लिए पेश किए गए कृषि क्षेत्र के प्रावधिक आंकड़ों के अनुसार 2016 में हुई इन 1,321 आत्महत्याओं में से 722 लोग कृषि मजदूर और 599 किसान थे. किसानों की ख़ुदकुशी ने एमपी में कृषि कर्मण अवार्ड की चमक को फीका कर दिया है.

यह भी देखें

मध्यप्रदेश को लगातार पांचवी बार कृषि कर्मण अवार्ड

मप्र में चुनावी साल, खजाने में नहीं है माल, शिवराज का बुरा हाल

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -