किसान आंदोलन: आखिर क्यों सडकों पर उतरने को विवश हुआ अन्नदाता, क्या है उनकी पीड़ा ?
किसान आंदोलन: आखिर क्यों सडकों पर उतरने को विवश हुआ अन्नदाता, क्या है उनकी पीड़ा ?
Share:

नई दिल्ली: पिछले कुछ दशकों में खेती की बढ़ती लागत के मुताबिक किसानों को उसकी कीमत न मिलने के कारण देश भर में बड़ी संख्या में किसानों ने खेती-किसानी से दुरी बनाई है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किए गए अनेक वादों के बावजूद किसानों की समस्या वैसी ही है, लिहाजा किसान बार-बार आंदोलन को मजबूर हो गया है. खेती की राह कठिन होती जा रही है, इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं जिनके बारे में केंद्र और राज्य सरकारों को नए सिरे से विचार करना होगा.

भारत बना दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ ई कॉमर्स मार्केट

अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से बड़ी संख्या में अन्नदाता दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंच चुके हैं और यदि सबकुछ ठीक ठाक रहता है तो वे आज संसद भवन के आसपास तक अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए भी जा सकते हैं. पिछले करीब डेढ़ साल में देश का किसान कई बार सड़कों पर उतरने के लिए विवश हुआ है. चाहे जून 2017 में महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश के मंदसौर तक के आंदोलन की बात हो, या दो बार हुए किसानों का मुंबई मार्च हो या  जून में गांव बंद का आंदोलन हो या फिर दो अक्टूबर का दिल्ली मार्च, किसानों ने बार-बार अपनी पीड़ा को देश और सरकार के सामने रखने की कोशिश की है. आखिर किसान इतना उद्वेलित क्यों है?

खुशखबरी : लगातार दूसरे दिन गिरे सोने-चांदी के दाम, जानिए आज की कीमत

दरअसल केंद्र की सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 के आम चुनाव के अपने घोषणा पत्र में किसानों को फसलों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का वचन दिया था. परंतु सरकार ने फरवरी 2015 में शीर्ष अदालत में दाखिल किए गए एक शपथ पत्र में इस वादे को पूरा करने में असमर्थता जताई थी, वर्ष 2014 और 2015 के दो सालों के सूखे और 2016 में नोटबंदी ने देश के किसानों को भारी नुकसान दिया. लिहाजा 2017 में देश भर में बड़े किसान आंदोलन हुए, इस बीच सरकार ने वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले अपने आखिरी पूर्ण बजट में किसानों के गुस्से को शांत करने के लिए लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का ऐलान तो कर दिया परंतु इससे किसान शांत नहीं हुए, क्योंकि लागत को लेकर विवाद खड़ा हो चुका है. 

खबरें और भी:-

शेयर बाजार के लिए बेहतरीन रहा आज का दिन, आया जबरदस्त उछाल

पीएम मोदी को बड़ा झटका, पूर्व आर्थिक सलाहकार ने नोटबंदी को बताया क्रूर कदम

TCS ने रिलायंस को पछाड़ा, फिर बनी सबसे मूल्यवान कंपनी

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -