ओडिशा: टोकन व्यवस्था को लेकर किसानों में आक्रोश, राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
ओडिशा: टोकन व्यवस्था को लेकर किसानों में आक्रोश, राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
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भुवनेश्वर: पश्चिम ओडिशा के बाद अब दक्षिण ओडिशा में टोकन व्यवस्था के खिलाफ किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। प्रदेश सरकार की तरफ से पिछले 10 दिन से धान की मंडी खोले खोला गया है, इसके बाद भी किसान अपने धान को इस मंडी में नहीं ला रहे हैं। आदिवासी बहुल अविभक्त कोरापुट से लेकर बरहमपुर तक प्रत्येक क्षेत्र में किसानों की बैठक लगातार जारी है।

किसानों का कहना है कि टोकन व्यवस्था किसानों के हित के लिए नहीं, बल्कि किसानों को घाटे में धान बेचने के लिए बाध्य करने के लिए बनाई गई है। स्थानीय कृषक मंच की तरफ से कहा गया है कि टोकन व्यवस्था क्या है इस संबंध में अभी तक किसानों को कुछ भी पता नहीं है। इस संबंध में कोई जानकारी किसानों को नहीं दी गई है। टोकन कहाँ पर और कौन दे रहा है उस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। पहले सबकुछ पंचायत में था अब भुवनेश्वर जाने को कहा जा रहा है।

कई किसान जो मंडी में गए थे उन्हें सरकारी अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि भुवनेश्वर से टोकन आने पर धान खरीदा जाएगा। किसान विवश होकर दूसरे राज्य के दलालों को धान बेच रहे हैं। क्योंकि उन्हें पैसा चाहिए। रुषिकुल्या रइत महासभा के सीमांचल नायक ने कहा कि जयपुर के सभी किसानों की तरफ से चेतावनी दी गई है कि अगर दो तीन दिन में टोकन व्यवस्था को वापस नहीं लिया गया, तो किसान सारा धान लेकर कोरापुट जिलाधीश दफ्तर के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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