नई दिल्लीः किसान नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। लगभग 40 आंदोलनकारी किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने अगले कदम पर विचार करने के लिए आज एक मीटिंग बुलाई है।
वहीं, दूसरी तरफ किसानों ने शीर्ष अदालत के फैसले को लेकर कहा है कि उच्चतम न्यायालय के रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन ख़त्म हो जाए। यह शीर्ष अदालत का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले। जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
किसान नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किसी भी समिति के सामने वे किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं किन्तु इस बारे में औपचारिक फैसला मोर्चा लेगा। मोर्चा के वरिष्ठ नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मीडिया से कहा कि, ''कृषि कानूनों पर रोक लगाने के कोर्ट के आदेश का हम स्वागत करते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि कानून पूरी तरह वापस लिए जाएं।''
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