25000 किसानों ने आत्महत्या के लिए लगाई महामहिम से गुहार
25000 किसानों ने आत्महत्या के लिए लगाई महामहिम से गुहार
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मथुरा : भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी के संसदीय क्षेत्र मथुरा में एक अनोखा मामला सामने आया है। इस बार फिर यहां विरोध की बयार चली है। हां, मगर इस बार विधवाऐं अपने आश्रम की समस्याओं को लेकर कोई मांग नहीं उठा रही हैं। दरअसल इस बार तो देश का अन्नदाता किसान ही मांगों को लेकर उठ खड़ा हुआ है। जी हां, हाल ही में करीब 25000 किसानों ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर आत्महत्या करने की अनुमति मांगी है। किसानों की परेशानी है की गोकुल बैराज बनाने के लिए उनकी जमीनों का अधिग्रहण तो कर लिया गया लेकिन उन्हें मुआवज़ा नहीं दिया गया।

वे पिछले 17 वर्षों से मुआवज़े की मांग कर रहे हैं। जमीन हाथ से जाने के बाद इन किसानों के लिए आजीविका का कोई साधन नहीं बचा था। मामले में यह जानकारी सामने आई है कि करीब 35 प्रतिशत किसानों को मुआवज़े के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। न्यायालय के निर्णय के बाद मुआवज़ा देने की तैयारी की जाएगी। इस मामले में भारतीय किसान संघ की बातें सही नहीं लगती हैं।

किसान संघ पीडि़त किसानों का आंकड़ा कम बता रहा है। इस दौरान यह बात सामने आ रही है कि गोकुल बैराज बांध के 11 गांवों के किसानों की जमीन डूब क्षेत्र में आ गई है। किसानों की इस मुश्किल को सांसद हेमा मालिनी और मछली शहर के सांसद रामचरित्र निषाद ने लोकसभा में उठाया है। इस मामले में मथुरा जेल में बंद किसानों से साध्वी निरंजन ज्योति ने भेंट की। मामले में यह जानकारी मिली है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सामने इन किसानों ने आत्महत्या की अनुमति की अर्जी पेश की है। 

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