धान जलने से दुखी किसान ने की आत्महत्या
धान जलने से दुखी किसान ने की आत्महत्या
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गुमला : धूप- बारिश और ठण्ड सहन कर जब फसल पकती है, तो किसान अपने कई सपनों के साकार होने की कल्पना करने लगता है.लेकिन जब पकी फसल में आग लग जाए तो निराश होना स्वाभाविक है.ऐसी ही एक घटना झारखण्ड में हुई जहाँ धान की फसल जल जाने पर एक किसान ने कुएं में कूदकर जान दे दी. इस घटना के बाद प्रशासन ने मृतक के घर दो क्विंटल चावल भिजवाया.

उल्लेखनीय है कि ख़ुदकुशी की यह घटना झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव के क्षेत्र के सिसई थाना स्थित मुरगू नकटीटोली कामता गांव की है. जहाँ 200 मन धान जलने से आहत किसान बुद्दु उरांव (55 वर्ष) ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. बता दें कि चार दिसंबर को बुद्दू के खलिहान में रखा धान जल गया था. इसके लिए उसने मुआवजा की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया.आखिर आर्थिक कष्ट झेल रहे किसान ने खुकुशी कर ली. बता दें कि बुद्दु उरांव ने खलिहान में 28 गांज में 280 मन धान था. करीब दो लाख रुपये का धान था. पैसों का इंतजाम कर उसने यह फसल उगाई थी.

इस घटना के बाद कई नेता गांव में आ रहे हैं.कर दिनेश उरांव गांव भी पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिले. उन्होंने 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देते हुए इस सत्र में धान जलने की घटना की बात उठाने की बात कही, ताकि मुआवजा मिल सके .स्पीकर के दौरे के बाद प्रशासन ने दो क्विंटल चावल किसान के घर पहुंचाया. काश , मरने वाले किसान को जीते जी मदद मिल जाती.

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