चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीते कल यानी शनिवार को यह आरोप लगाया है कि, 'केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन किसान आंदोलन को ‘प्रायोजित’ कर रहे हैं ।' जी दरअसल मनोहर लाल खट्टर ने अपने बयान के माध्यम से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर भी हमला बोला। उन्होंने अपने बयान के माध्यम से यह दावा किया है कि 'वह इस मसले पर उनसे बातचीत करना चाहते थे और तीन दिन तक उनके कार्यालय में टेलीफोन किया लेकिन उन्होंने इसका कोई उत्तर नहीं दिया।' वहीं अमरिंदर सिंह ने खट्टर के उन आरोपों को खारिज किया कि 'बार-बार प्रयास के बावजूद उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से बातचीत नहीं की।'
हाल ही में उन्होंने कहा कि, 'वह खट्टर से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वह दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हुई ‘बर्बरता’ के लिए माफी नहीं मांग लेते।' वहीं अगर बात करें मनोहर लाल खट्टर की तो उन्होंने गुरूग्राम में संवाददाताओं से कहा कि, 'पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय के अधिकारी पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों को निर्देश दे रहे हैं । इस आंदोलन की शुरूआत पंजाब के किसानों ने की है और कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन इसे ‘प्रायोजित’ कर रहे हैं । केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित है और इनका लिंक खालिस्तान से भी है। राज्य को राष्ट्रीय राजधानी में और आसपास चल रहे किसानों के विरोध में खालिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले कुछ अवांछित तत्वों के इनपुट मिले हैं।''
उनका कहना यह भी है कि, “हमारे पास भीड़ में मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों के इनपुट हैं। हमारे पास इसकी रिपोर्ट भी है और एक बार ठोस जानकारी मिलने पर हम इसका खुलासा करेंगे। यही लोग उस तरह के नारे लगा रहे थे।”
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