नई दिल्ली : इन दिनों दिल्ली राज्य सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री को लेकर काफी शोर-शराबा सुनने को मिल रहा है मगर क्या आप जानते हैं कि फर्जी डिग्री के आरोप से विश्वस्तर के नेता भी घिरे हुए हैं। जी हां, ये हालात ज़्यादा दूर के नहीं पाकिस्तान के भी हैं। जी हां, यहां ऐसे ही मामले को लेकर हाल ही में पाकिस्तान उच्च शिक्षा आयोग द्वारा देश के चुनाव आयोग को संसद और प्रांतीय विधानसभा के 54 पूर्व सदस्यों के नामों की सूची सौंपी गई। जिसमें चुनाव आयोग को संसद के साथ प्रांतीय विधानसभाओं के 54 पूर्व सदस्यों के नामों की सूची जारी की गई।इन सदस्यों के नाम सूची में शामिल किए गए और जिनके नाम इस सूची में दिए गए है उनकी डिग्री फर्जी पाई गई है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि उच्च शिक्षा आयोग ने लगभग 180 सदस्यों के नाम जारी किए।
यही नहीं मामले को लेकर कहा गया है कि इन सदस्यों के बारे में जब खोज- खबर की गई तो यह जानकारी सामने आई कि ये ऐसे सदस्य थे जिसमें मैट्रिक या इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र चुनाव आयोग को नहीं सौंपे गए। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने करीब 5 साल पहले अपने देश के निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए गए कि इन सदस्यों की जांच की जाए, यही नहीं इसमें संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के साथ ही दोनों ही दलों के सदस्य शामिल थे।
जब जांच की गई तो जांच में यह तथ्य सामने आया कि 12 से ज्यादा ऐसे नेता थे जिनकी डिग्रियों को लेकर जानकारी गलत ही प्रस्तुत की गई थी। दूसरी ओर मामले में करीब 6 नेताओं को धोखा देते पाया गया। मामले में इन नेताओं से इस्तीफे की पेशकश की गई। दूसरी ओर लगभग 850 नेताओं की डिग्रियां भी सत्यापित कर देश और विदेश के विश्वविद्यालयों को भेजा गया।