इन दिनों सोशल मीडिया पर थप्पड़ मारे जाने के कुछ वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। इन्हें लेकर न्यूरोलॉजिस्ट एवं स्पोर्ट्स स्टार ने चिंता जताई है। ये वीडियो एक प्रतियोगिता से जुड़े हैं। इसमें भाग लेने वाले लोग एक दूसरे को जितना हो सके, उतना जोर से थप्पड़ मारते हैं। वीडियो अमेरिका के एक टेलीविज़न शो के हैं। इसके कुल 8 एपिसोड हैं। शो बनाने वालों का कहना है कि ये सब असल में किया जा रहा है, कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं है।
शो में विश्व भर के लोग भाग ले रहे हैं। यह स्टेज पर आकर ये साबित करने का प्रयास करते हैं कि इनसे अधिक तेज थप्पड़ कोई नहीं मार सकता। न्यूरोलॉजिस्ट क्रिस नोविन्सकी ने एक वीडियो साझा किया है। उनका कहना है कि यह शो पूर्ण तौर पर शोषण है तथा वीडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति शायद कभी पहले जैसा नहीं रहेगा। उन्होंने शो बनाने वालों को टैग करते हुए कहा कि उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए।
This is so sad. Note the fencing posture with the first brain injury. He may never be the same. @danawhite & @TBSNetwork should be ashamed. Pure exploitation. What's next, "Who can survive a stabbing"? pic.twitter.com/jTENpUmJDd
— Chris Nowinski, Ph.D. (@ChrisNowinski1) January 19, 2023
क्रिस ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता से मस्तिष्क पर भी चोट लग सकती है। उन्होंने कहा, 'आगे क्या, कौन चाकू की मार झेल सकता है?' शो को नेवादा स्टेट एथलेटिक कमीशन से लाइसेंस मिला हुआ है। थप्पड़बाजी आरम्भ होने से पहले सिक्का उछालकर तय किया जाता है कि किसे पहले थप्पड़ मारना आरम्भ करना है। इसमें तीन राउंड होते हैं। हर एक राउंड में फाइटर को खुले हाथ से अपने प्रतिद्वंदी को थप्पड़ मारना होता है। प्रथम राउंड की लिमिट 30 सेकेंड की होती है। इसमें आंखों से नीचे और ठुड्डी से ऊपर मारना होता है। नियम के मुताबिक, पूरे हाथ से गाल पर थप्पड़ लगना चाहिए। थप्पड़बाजी के पश्चात् प्रतियोगी के पास स्वयं को संभालने के लिए 30 सेकेंड का समय होता है, इसके पश्चात् वो स्वयं फाइटर की पोजीशन में आ जाता है। विजेता की घोषणा 10 पॉइंट सिस्टम के आधार पर की जाती है।
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