वाशिंगटन: वैज्ञानिको ने भूकम्प के खतरा बढ़ने की सम्भावना व्यक्त की है. वैज्ञानिकों के अनुसार इन दिनों तेल और गैस के लिए लगातार बढ़ते ड्रीलिंग को भूकम्प आने के खतरे की वजह बताया है. इसके लिए उन्होंने 2009 के बाद मध्य एवं पूर्व अमेरिका में इस वजह से लगातार आए भूकंप की घटनाओं का अध्ययन कर उस पर शोध आरम्भ किया है. शोधकर्ताओं का दावा है कि इन क्षेत्रों में भूकंप की बढ़ती घटनाओं का सम्बन्ध निश्चित रूप से उन फ्लूइड इंजेक्शन वेल्स (कुंओं) से हैं, जिनका प्रयोग स्थान विशेष तौर पर तेल और गैस की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो के मैथ्यू वेनगार्टेन की अगुवाई वाली शोध टीम का दावा है कि मध्य और पूर्व अमेरिका में इंजेक्शन वेल्स की तादाद में वृद्धि की वजह से भूकंप की घटनाओं में दिन प्रतिदिन वृद्धि देखी जा रही है. उनका कहना है कि 1970 के दशक में इन क्षेत्रों में भूकंप आने की घटांए बिलकुल ना के सामान होती है. जबकि 2014 में यह इन घटनाओ में वृद्धि देखी गयी है. भूकम्प की घटनाओ का आकड़ा 650 से अधिक हो गया है. शोधकर्ताओं का मानना है कि तेल, गैस की ड्रिलिंग में वृद्धि के कारण 2011-12 की अवधि में कोलोरेडो, टेक्सास, ओक्लाहोमा और टिंपसन के साथ अन्य कई शहरों में रिक्टर स्केल पर 4.7 से लेकर 5.6 तीव्रता के भूकंप आए.
वेनगार्टेन के अनुसार ओक्लाहोमा और टेक्सास में भूकंप की बढ़ती घटनाओं के लिए 18,000 इंजेक्शन वेल्स को कारण बताया गया है. वैज्ञानिको ने कहा है की भूकम्प की घटनाओ को नियंत्रित करने के लिए हमे गैस और तैल की ड्रिलिंग को काम करना होगा. भूकम्प की घटनाओ में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे नियंत्रण की सख्त आवश्यकता है.