उज्जैन | गांव हो या खेती किसानी, इनके विकास के लिए हम सबको मिल जुलकर आगे आना ही होगा। एक और एक मिलकर ग्यारह बनें, तो विकास की बात बनें। गांव और गरीबों के विकास तथा किसानों को खेती किसानी की नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारियां देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ग्रामोदय से भारत उदय अभियान और कृषि महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।
अपने जीवन स्तर में सुधार लाने और आर्थिक स्वावलबंन के लिए ग्रामीणजन और किसान भाई इस अभियान कृषि महोत्सव का अधिकाधिक लाभ उठायें। कमिश्नर (उज्जैन राजस्व संभाग) श्री मधुरेश बाबु ओझा ने इस आशय की बात कही। कमिश्नर श्री ओझा आज शाम सीतामउ विकासखण्ड क्षेत्र के गुराडिया प्रताप गांव में हुई ग्राम/कृषि संसद में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर सुवासरा विधायक श्री हरदीपसिंह डंग, सुवासरा के पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार, क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य श्री निहालचन्द मालवीय, प्रभारी कलेक्टर श्री अर्जुनसिंह डाबर, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती रानी बाटड, संयुक्त संचालक कृषि उज्जैन श्री डीके पाण्डेय, ग्राम सरपंच व उप सरपंच एवं जिले के समस्त जिलाधिकारी, नोडल अधिकारी तथा बडी संख्या में ग्रामीणजन एवं महिलाएं उपस्थित थी।
इस अवसर पर कमिश्नर श्री ओझा ने गांव की एक निशक्त बालिका को मौके पर ही निःशक्त पेशन मंजूर करने के आदेश दियें। उन्होने कहा कि गांव में परफारमेंस ग्रांट से विकास कार्य कराये जायेंगे। जिन किसानों को जरूरत है, उनके खेतों में कपिलधारा योजना के तहत कूप बनवाये जायेंगे। उन्होने किसानों भाईयो से कहा कि अपनी खेती की लागत कम करने लिए उन्हें रासायनिक खाद के बदले जैविक खाद का अधिकाधिक इस्तेमाल करना चाहिये। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की मांग पर गांव के बाहर स्थित (परन्तु फिल्हाल बंद पडे) रेल्वे फाटक को खुलवाने या उस स्थान पर अंडरब्रिज बनवाने के लिए राज्य शासन एवं रेल्वे प्रशासन के साथ मिलकर प्रयास करने का आश्वासन दिया।
यहाँ के हर घर में है एक ना एक फौजी, इस गाँव को कहते है भारतीय सैनिकों का गांव