जितना कम सफलता प्रतिशत, उतने बड़े वैज्ञानिक!

जितना कम सफलता प्रतिशत, उतने बड़े वैज्ञानिक!
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वैज्ञानिको की कल्पनाएँ और बाते अजब-गजब लगती है उनके अविष्कार छुपे रहते है तो जादू लगते है पर जब सामने आ जाते है तो अचम्भे में डाल देते है | अब उनके सफलता को नापने का पैमाना " जितना कम सफलता प्रतिशत...............उतने बड़े वैज्ञानिक!" वाकई मानना पड़ेगा की हम वैज्ञानिको की ही बात कर रहे है जो दिमाग को हिला डालते है और सोंचने की क्षमता को अधिक जाग्रत करने के लिए प्रेरित करते है | आधुनिक युग में परीक्षाओ के परिणामो के समय में चारो और अधिक अंक व प्रतिशत की आंधी चल पड़ती है, जो न जाने कितनो की आशाओ, उम्मीदों और सपनो को तोड़ते हुए परिवारजनो के चेहरों की मुस्कान को गायब करती हुई तूफान में बदल जाती है पता ही नहीं पड़ता है | इन प्रतिशत के आकड़ो को देखकर आगे के निर्णय लिए जाते है और जहा सफलता मिलने का प्रतिशत या सम्भावनाये अधिक होती है अधिकांश लोग उसी राह चल देते है और अपना भविष्य तय करते है | सामान्तया: सारे अविष्कार एक सामान होते है कोई बड़ा या छोटा नहीं होता है न ही कोई महत्वपूर्ण व अतिमहत्वपूर्ण होता है | 

यह सभी तो जरुरत, समय, बाजारवाद, आर्थिक मूल्य के आधार पर तय किये जाते है और हम जितने इस्तेमाल के तरीके निकालते जाते है व अविष्कार उतना ही बड़ा होता जाता है | अविष्कारों की संख्या भी उनके बड़े व छोटे होने का पैमाना तय नहीं कर सकते है क्योकि उसमे सामाजिक, आर्थिक, व कार्यक्षेत्र की परिस्थितिया महत्वपूर्ण रोल अदा करते है | यह सब अविष्कार के समय उसके सफलता की प्रतिशत संभावना पर निर्भर करता है | सामान्यतया: इसका सफलता प्रतिशत एक होता है जो कई मामलो में शुन्य से चार अंको से भी ज्यादा निचे चला जाता है | जैसे - जैसे वैज्ञानिको की असफलताओ को बर्दास्त करने की क्षमताये व धैर्य खत्म होता है वैसे-वैसे उसके अलग अलग तरीके व परिस्थिति में प्रयोग करने की सोच व सम्भावनाये भी खत्म होती चली जाती है | इन सभी से आगे निकलकर ही कोई वैज्ञानिक सफल हो सकता है | 

सफलता से पहले जितने प्रयोग करता है उन सभी के योग में से अंक एक का प्रतिशत निकाला जाता है | सामान्तया: ऐसे हम नगण्य मानकर छोड़ देते है और गिनती में शामिल नहीं करते है | इसके विपरीत वैज्ञानिक सोच ये कहती है की उसने कम से कम एक प्रक्रिया या रस्ता खोजा जिसके माध्यम से अविष्कार या प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती है | यह करना जिस भी वैज्ञानिक ने शुरुवात में असफलता या विश्लेषण का आकड़ा रखा व अन्त में सदैव सफल हुआ है | 

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