अगर मन में श्रद्धा हो तो क ठिन समस्याएं भी इससे सुलझ जाती हैं
अगर मन में श्रद्धा हो तो क ठिन समस्याएं भी इससे सुलझ जाती हैं
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हमारे शास्त्रों की मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र चमत्कारी एवं शक्तिशाली मंत्र है। जीवन की अनेक समस्याओं को सुलझाने में यह सहायक है। अगर मन में श्रद्धा हो तो क ठिन समस्याएं भी इससे सुलझ जाती हैं। यह ग्रहों की शांति में भी अहम भूमिका निभाता है। 

चूंकि हमारा जीवन नवग्रहों की चाल से प्रभावित होता है, इसलिए अगर किसी ग्रह का दोष जीवन में बाधा पहुंचा रहा है तो यह मंत्र उस दोष को दूर कर देता है। मुख्य रूप से यह जीवनरक्षक मंत्र कहलाता है। अगर कोई व्यक्ति सदैव रोगी रहता है, जिसके साथ सड़क या उपकरणों से संबंधित दुर्घटनाएं होती हैं, जो वाहन के संचालन से जुड़े हैं या जो गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, वे सोमवार को ये उपाय करें तो उन पर सर्व विघ्नहर्ता भगवान शिव की कृपा होती है

यह बहुत सरल साधना है। सोमवार को प्रात: काल दैनिक कार्यो से निवृत्त होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और मन ही मन भगवान शिव से उनकी कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद माला से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। भगवान शिव की कृपा को तुरंत ही अनुभव किया जा सकता है। इस मंत्र के प्रभाव से बिगड़े काम बनने लगते हैं। अगर कोई व्यक्ति रोगी है या गंभीर दुर्घटना के बाद जिसके प्राण संकट में हैं, उसकी प्राण रक्षा होती है। 

जो लोग अति व्यस्त दिनचर्या के कारण मंत्र जाप या पूजा-अर्चना के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल सकते, उनके लिए भी एक आसान उपाय है। वे सोमवार को प्रात: भगवान शिव को नमस्कार करें और पाव भर बाजरा या कोई और अनाज पक्षियों को डालें। भोजन करने से पहले कुछ अंश पक्षियों के लिए डाल दें। गर्मियों में पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था करें। 

ये बहुत आसान से उपाय हैं लेकिन जीवों की सेवा करना भी जीवनदाता की सेवा करना ही है। खासतौर से जो लोग खदान, वाहन संचालन, भारी उद्योगों व अत्यधिक जोखिम भरी स्थितियों में काम करते हैं, उन्हें ऎसे उपाय जरूर करने चाहिए। इससे भगवान शिव हर संकट में आपकी रक्षा करेंगे। यह विधान हर सोमवार के लिए है लेकिन अगर समय निकाल सकते हैं तो रोज किया जा सकता है। 

अगर आप दुकान चलाते हैं या कोई व्यापार करते हैं तो किसी भी सोमवार को यह उपाय किया सकता है। यह व्यापार वृद्धि का एक आसान उपाय है। रविवार की रात को आधा किलो बाजरा और आधा किलो गेहूं लें। दोनों अनाजों को मिला लें। इस तरह यह एक किलो हो जाएगा। यह अनाज उस तराजू के ऊपर से फिरा लें जो आपकी दुकान में रखा है और रातभर तराजू में ही रखा रहने दें। 

इसके बाद सोते समय अपने इष्ट देव से प्रार्थना करें कि वे इस जीवन यात्रा में आप पर सदैव कृपा रखें। सोमवार सुबह तराजू पर रखे अनाज में से एक पाव अनाज पक्षियों को डाल दें। एक चम्मच भर अनाज किसी लाल कपड़े में रखें और उसके साथ थोड़ी सी हल्दी डालकर गांठ बांध दें। यह अपने तराजू के नीचे रख दें। बाकी बचे अनाज को पिसवाकर उसका आटा बनाएं और रोज एक रोटी बनाकर (जब तक आटा पूरा न हो जाए) गाय को खिला दें। परमात्मा की कृपा से आपके कष्टों का निवारण हो जाएगा। इस दौरान किसी से विवाद आदि न करें और सदैव ईमानदारी से व्यापार करें।

जानें श्रावण सोमवार व्रत की विधि के बारें में

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