कोरोना से रिकवर होने के बाद भी बरक़रार रहता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा- रिपोर्ट
कोरोना से रिकवर होने के बाद भी बरक़रार रहता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा- रिपोर्ट
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नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना महामारी का लहर जारी है. अभी भारत में संभावित तीसरी लहर के आने की चेतावनी भी जारी की जा रही है. इस बीच द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, कोरोना वायरस से रिकवर होने के दो हफ्तों में दिल का दौरा और स्ट्रोक (Heart attack and stroke) का खतरा तीन गुना अधिक रहता है.

द लैंसेट की स्टडी में पाया गया है कि 1 फरवरी से 14 सितंबर 2020 तक स्वीडन में 348,481 आम लोगों और 86,742 कोरोना संक्रमितों में एक्यूट मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन (Myocardial Infarction) या दिल का दौरा (Heart attack) आने के खतरे की तुलना की गई. जिसमें पाया गया कि जो लोग हाल ही में कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण से रिकवर हुए हैं, उनमें दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा आम आदमी के अनुसार तीन गुना बढ़ गया है.

स्वीडन के उमिया यूनिवर्सिटी में काम कर रहे और रिसर्च के सहयोगी ओस्वाल्डो फोन्सेका रोड्रिगेज ने कहा कि कोरोना महामारी से रिकवर होने के दो सप्ताह तक लोगों को अपना अधिक ध्यान रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि फ़ौरन रिकवर हुए लोगों के शरीर में एक्यूट मायोकार्डिनल इन्फार्क्शन और स्ट्रोक को लेकर तीन गुना अधिक जोखिम पाया गया.

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