भारत में कोरोना वायरस के गहरे प्रभाव के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष में 4 फीसद का संकुचन रहने का अनुमान है. सरकार जीडीपी को संभालने के लिए कई प्रयास कर रही है. वही, एडीबी ने गुरुवार को अपने एशियन डेवलपमेंट आउटलुक में यह बात कही है. एडीबी के पूर्वानुमान के अनुसार, विकासशील एशिया के देश 2020 में बमुश्किल ही ग्रोथ करेंगे. वहीं, एशियन डेवलपमेंट आउटलुक में कहा गया कि 2020 में चीन की ग्रोथ के 1.8 फीसद सकारात्मक रहने का अनुमान है. साल 2019 में चीन ने 6.1 फीसद की ग्रोथ प्राप्त की थी.
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अपने बयान में ए़डीबी ने कहा, 'वित्त वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 3.1 फीसद पर आ गई थी. यह साल 2003 के बाद की भारत की सबसे धीमी ग्रोथ है. पूरे वित्त वर्ष 2019 की बात करें, तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.2 फीसद रही. इस दौरान निर्यात और निवेश दोनों में संकुचन रहा.'
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इसके अलावा एडीबी ने कहा, 'परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्सेज जैसे उच्च आवृत्ति वाले सूचकांक अप्रैल में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए. शहरों में अपनी नौकरी चली जाने के बाद प्रवासी मजदूर गावों में अपने घरों को चले गए और लॉकडाउन में ढील के बाद भी उनमें से वापस लौटने वालों की संख्या काफी कम है. एडीबी के सालाना फ्लैगशिप एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (ADO) में एडीबी ने अनुमान लगाया है कि भारत की आर्थिक ग्रोथ रेट मौजूदा वित्त वर्ष में कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के चलते चार फीसद संकुचित होगी.
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