नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा उद्योग समूह के प्रमुख सुब्रत राॅय सहारा और उनके साथ ही दो निदेशकों की पैरोल अवधि बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। मगर इन सभी को 2 अक्टूबर तक 200 करोड़ रूपए जमा करने होंगे। इस मामले में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पेरोल को बढ़ा दिया और कहा कि उन्हें तय राशि देनी होगी। सहारा समय को राहत मिली है। न्यायालय ने कहा है कि सहारा की संपत्ति 1.87 लाख करोड़ रूपए है। ऐसे में भी यह समूह 12 हजार करोड़ रूपए क्यों नहीं दे पा रहा है।
न्यायालय ने कहा है कि सहारा को एक रोडमैप बनाना होगा कि वे किस तरह से पैसे चुकाऐंगे। इसके लिए सहारा को 24 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। सहारा प्रमुख की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 6000 करोड़ रूपए नहीं चुका पा रहे थे। मगर ऐसे लोग देश छोड़कर गए तो फिर वे लौटे ही नहीं। हालांकि सहारा ने वायदा किया कि वे बचा हुआ पैसा दे देंगे। बीती सुनवाई में नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें अंतरिम राहत मिल गई थी।
गौरतलब है कि सहारा के मामले में उनकी ओर से सुनवाई मंझे हुए वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल कर रहे हैं उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से कहा है कि वे अपने आदेश पर फिर से विचार करें। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने फिर विचार करने की बात कही। न्यायालय ने कहा कि किसी को तकलीफ न हो यह हम सोचते हैं। ऐसे में न्यायालय फिर से सुनवाई कर सकता है।