माले: मालदीव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सोमवार को 15 दिन की इमर्जेंसी का ऐलान कर दिया है, इस घोषणा के साथ ही वहां चल रहा सियासी संकट और गहरा गया है.इस अवधि में नागरिकों के कुछ अधिकार सीमित रहेंगे, लेकिन सामान्य हलचल, सेवाओं और व्यापार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. राष्ट्रपति कि करीबी अजिमा शुकूर ने टेलीविज़न के जरिये एमरजेंसी का एलान किया. एमरजेंसी लागू होते ही राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के सौतेले भाई और मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मालदीव के तनाव को देखते हुए भारत और चीन ने भी नै एडवाइजरी जारी कर लोगों को मालदीव की यात्रा टालने की सलाह दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को सलाह दी है, कि बहुत जरूरी ना होने पर मालदीव की राजधानी माले की यात्रा स्थगित कर दी जाए.वहीं चीन ने भी सलाह जारी करते हुए कहा कि राजनीतिक गतिरोध सामान्य होने तक इस देश की यात्रा न करें.
आपको बता दें, कि इससे पहले मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने राजनितिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसे मानने से राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने इंकार कर दिया. जिसके बाद से ही मालदीव में माहौल गरमाने लगा था. अब देखना यह है कि 15 दिनों के आपातकाल के बाद राजनितिक उथलपुथल से गुज़र रहे मालदीव को कुछ राहत मिलती है या नहीं.
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