शर्मनाक: बूढी माँ को नींद की दवा खिलाकर फुटपाथ पर छोड़कर भागे बच्चे
शर्मनाक: बूढी माँ को नींद की दवा खिलाकर फुटपाथ पर छोड़कर भागे बच्चे
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना के भाटपाड़ा इलाके एक मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर सुनने के लिए मिल रही है. बूढ़ी मां को नींद की गोलियां खिलाकर दो बेटों ने आधी रात को गंगा के पार भाटपाड़ा के एक स्कूल के सामने फुटपाथ पर छोड़ दिया. दो रात वहीं बिताने के उपरांत स्थानीय लोगों की मदद और पुलिस की पहल से वृद्धा का उपचार किया गया. जिसके उपरांत शुक्रवार को पुलिस ने दोनों बेटों को तलब किया और मुचलका लिखवाया और वृद्धा को घर भेजने की व्यवस्था भी की गई. हालांकि, यह सवाल बना हुआ है कि क्या वही घटना दोबारा नहीं घटेगी.

पुलिस ने इस बारें में कहा है कि वृद्धा का नाम उषारानी प्रमाणिक है. घर हुगली के चुंचुड़ा के घाटकपाड़ा में है. उसने इस बारें में बोला है कि, मेरे दो बेटे, टिंकू और मनोज उन्हें भाटपाड़ा में छोड़ दिया है. क्षेत्र के लोगों ने उसे खाना दिया. पुलिस आई और अस्पताल लेकर आ गई. मेरे पति एक बैंक में काम करते थे. दो लड़के मछली का कारोबार करते हैं. मेरे पति की मृत्यु के उपरांत, मैं उनके परिवार में एक बोझ बन गई थी.”

भाटपाड़ा के पुलिस अधिकारियों ने इस बारें में जानकारी दी है कि क्षेत्र के लोगों से सूचना मिलने के बाद गुरुवार की रात वृद्धा स्थानीय राजलक्ष्मी बालिका विद्यालय के सामने फुटपाथ पर बैठी हुई दिखाई दी. वह घर लौटना चाह रही थी. पहले उसे उपचार के लिए भाटापाड़ा राजकीय सामान्य अस्पताल ले जाया गया. उनसे घर का पता जानने और सारी घटना सुनने के उपरांत चुंचुड़ा थाना पुलिस से संपर्क किया गया. शुक्रवार को वृद्धा के दोनों बेटे भाटपाड़ा थाने में पेश हुए. बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के एक अधिकारी ने इस बारें में बोला है कि, “दोनों बेटों को मां को इस तरह प्रताड़ित नहीं करने की चेतावनी दी गई है. वृद्धा कैसी है, मैं लगातार पूछताछ करता रहूंगा.” स्थानीय निवासी अमित चक्रवर्ती, कुणाल दे वृद्धा को छुड़ाने के लिए पुलिस को जानकारी दी. अमित ने इस बारें में बोला है कि,”मैं किसी के बारे में नहीं सोच सकता जो ऐसा कर सकता है.”

खबरों का कहना है कि 1978 में अपने पति की मृत्यु के उपरांत उन्होंने बड़ी मुश्किल से 2 बच्चों को पाला था. अब दोनों बेटे मछली के कारोबार से जुड़े हैं, लेकिन बुजुर्ग मां की देखभाल करने के बजाय उन लोगों ने उसे कथित तौर पर प्रताड़ित भी किया. वृद्ध ने रोते हुए बोला है कि ”मेरे दोनों बेटे नींद की गोलियां खाकर मुझे यहां छोड़कर भाग गए थे.” जबकि बड़े बेटे टिंकू ने इस बारें में बोला है कि, “मैं अपनी मां को घर ले आया हूं. वह समय पर दवा नहीं लेती हैं, तो सिर ठीक से काम नहीं करता. पड़ोसियों से पूछो कि वो मां का कितना ख्याल रखते हैं, लेकिन मैं इन्हें जंजीर में बांधकर नहीं रख सकता. मुझे इसकी जानकारी मिली. पुलिस के जरिए पता चला, मां अस्पताल में है.”

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