भारत सरकार क्यों नहीं मान रही Tesla की मांग ? पूरा विपक्ष कर रहा एलन मस्क का समर्थन
भारत सरकार क्यों नहीं मान रही Tesla की मांग ? पूरा विपक्ष कर रहा एलन मस्क का समर्थन
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नई दिल्ली: विश्व के सबसे रईस शख्स एलन मस्क की कंपनी ‘Tesla’ ने  भारत सरकार से टैक्स में रियायत की माँग की थी, मगर इससे फिर ठुकरा दिया गया है। भारत सरकार ने दो टूक कह दिया है कि आधे बने हुए वाहनों को भारत में लाकर अंतिम रूप देने (एसेम्ब्ल करने) के लिए पहले से ही कंपनियों को रियायत दी जा रही है। हालाँकि, Tesla अतिरिक्त टैक्स छूट माँग रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि Tesla भारत में ही अपनी कारों का निर्माण करे। मगर, एलन मस्क की कंपनी लगातार इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट की माँग कर रही है, जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 100 फीसद तक है। 

‘केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC)’ के प्रमुख विवेक जोहरी ने जानकारी दी है कि हमने इस पर विचार किया कि शुल्क को घटाया जाना चाहिए, मगर भारत में घरेलू स्तर पर भी कुछ निर्माण कार्य हो रहे हैं और वर्तमान टैक्स दरों के साथ ही बाहर से कुछ निवेश आए भी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इसमें कोई बाधा नहीं डाल रही है। मगर, Tesla चाहती है कि वो पहले विदेशों में बनाई गई गाड़ियों को भारत लाकर उस भाव में बेचे जिससे वो अपने प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर दे सके। किन्तु, देश में बनाने के लिए बाहर से गाड़ियों के जो पार्ट्स लाए जाते हैं, उन पर 15-30 फीसद ही इम्पोर्ट ड्यूटी ली जाती है। भारत में घरेलू उत्पादन और खरीद को लेकर Tesla के पास कोई प्लान नहीं है। ताज़ा बजट में इसके लिए कोई प्रावधान भी नहीं किया गया है, किन्तु महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने सार्वजनिक रूप से Tesla की माँगों का समर्थन किया है।

भारत सरकार के साथ जारी दिक्कतों को लेकर एलन मस्क के बयान के बाद भारत में विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित कम से कम पाँच प्रदेशों  की सरकारों ने टेस्ला को अपने यहाँ कारोबार करने का आमंत्रण दिया है। दरअसल, भारत सरकार ने Tesla को टाटा और महिंद्रा जैसे ही स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्य करने की सलाह दी है। मगर, पूरी तरह बनी-बनाई गाड़ियाँ भी भारत में आ रही हैं। मर्सिडीज से भी Tesla को चुनौती मिल रही है। भारत में अब भी पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले हुंडई और सुजुकी के वाहनों का प्रभाव है और मात्र 1 फीसद ही इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ इस्तेमाल में लाई जाती हैं।

बता दें कि, 2019 से ही टेस्ला भारत में आने की कोशिशों में लगा हुआ है, किन्तु इसके लिए यहाँ के नियम-कानूनों को कंपनी बाधा बताती रही है। भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा टैरिफ स्ट्रक्चर पर कुछ कंपनियाँ आ सकती हैं तो Tesla को क्या समस्या है? Tesla टैक्स कटौती के लिए भारत में लॉबिंग भी कर रही है। भारत में 40,000 डॉलर (29.88 लाख रुपए) तक की इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 60 फीसद और इससे अधिक पर 100 फीसद टैक्स लगता है। Tesla के अलावा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कई अन्य कंपनियाँ भी हैं।

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