हाथी का बस पर हमला, 45 मिनट तक अंदर फंसी रही महिलाएं, एक की मौत
हाथी का बस पर हमला, 45 मिनट तक अंदर फंसी रही महिलाएं, एक की मौत
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देहरादून: हाल ही में उत्तराखंड के रामनगर में चिमटाखाल से चार किलोमीटर की दूरी पर शनिवार सुबह जब हाथी ने बस में हमला किया, तब पुरुष तो निकल गए, लेकिन पांच महिला सवारियां केमू बस से बाहर नहीं निकल सकीं. हाथी करीब 45 मिनट तक मौके पर रहा और बस को पलटने की कोशिश भी की. बाद में अन्य यात्रियों ने आग जलाकर हाथी को जंगल की ओर भगाया. तब जाकर महिलाएं सुरक्षित बाहर निकल सकीं. वहीं बस चालक पूरन सिंह और परिचालक प्रकाश सिंह रावत ने बताया कि हाथी ने 6.20 मिनट पर बस पर हमला कर दिया. बस में 18 सवारियां मौजूद थी, इनमें पांच महिलाएं भी थीं. हाथी के हमला करते ही शिक्षक को छोड़कर अन्य पुरुष सवारियां तो किसी तरह भाग निकलीं, लेकिन पांच महिलाएं बस में फंसी रही गई. इससे महिलाएं बस के अंदर सहमे रहकर हाथी के जाने का इंतजार करती रहीं. 

अंदर फंसे शिक्षक की मौत: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तब जाकर महिला सवारियों की जान में जान आई. बाद में बस के अंदर अचेत पड़े शिक्षक को प्राइवेट गाड़ी से रामनगर की ओर लेकर आए. अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. हाथी के हमले में शिक्षक गिरीश चंद्र पांडे की मौत पर क्षेत्र के शिक्षकों ने शोक जताया. घटना के बाद रामनगर अस्पताल पहुंचे कॉर्बेट नेशनल पार्क निदेशक राहुल और उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी का शिक्षकों और मृतक के परिजनों ने घेराव कर दिया.

वनकर्मियों की गश्त बढ़ाई जाएगी: कॉर्बेट पार्क निदेशक राहुल ने बताया कि हमलावर हाथी को तलाशने के लिए इलाकों में गश्त कराई जा रही है. इसके अलावा उसकी हर गतिविधि को कैद करने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी. प्रयास किया जाएगा कि हमलावर हाथी को ट्रैक्यूलाइज कर दूसरे स्थान पर छोड़ा जाए. पीड़ित परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. दो दिन अवकाश के बाद विद्यालय जा रहा थे शिक्षक दो दिन के अवकाश के बाद शिक्षक पांडे शनिवार को सल्ट स्थित जीआईसी जाने के लिए निकले थे, लेकिन किसी को पता था कि अब वह लौटकर नहीं आयेंगे. घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मचा गया और परिचित-रिश्तेदारों का घर पर सांत्वना देने के लिए तांता लगा रहा.
 
एलिवेटिड पुल बने तो होगा समाधान: वहीं ऐसा माना जा रहा है कि लगातार होते हादसों से सबक लेने की जरूरत है और सरकार को चाहिए कि हाईवे पर एलिवेटिड पुल का निर्माण किया जाए, ताकि पुल के नीचे से वन्यजीव आसानी से इधर-उधर जा सकें. गढ़ कुमाऊं समाजसेवक के भगत सिंह रावत और समाजसेवी हरीश चंद्र सती पुल निर्माण को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रामनगर से लेकर मोहान तक एलिवेटिड पुल बनाने की मांग कर चुके हैं. एलिवेटिड पुल बनने से बरसात में उफान पर आने वाले नाले भी वाहनों का रास्ता नहीं रोक सकेंगे.

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