रांची: बिजली चोरी रोकने के लिए झारखंड में 'ऑनलाइन पहरेदारी' का सिस्टम डेवलप किया जा रहा है। इस सिस्टम के निर्धारित होने के पश्चात् कंट्रोल रूम में बैठकर ही यह सरलता से पता लगा लिया जाएगा कि किस जगह पर किस शख्स द्वारा बिजली की चोरी की जा रही है। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन देखरेख के इस प्रोजेक्ट के लिए झारखंड प्रदेश बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) को हरी झंडी दे दी है।
वही JBVNL के ऑफिशियल सूत्रों ने बताया कि बिजली चोरी पर रोक लगाने के इस अहम प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने पर होने वाले खर्च का आकलन किया जा रहा है। कहा गया कि इस प्रोजेक्ट के तहत बिजली डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों पर एक खास मीटर लगाया जाएगा, जिसके माध्यम से कुल विद्युत खपत, बिजली की हानि एवं चोरी की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी। पूरे डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम की मॉनिटरिंग के लिए खास सर्वर रहेगा, जहां पल-पल बिजली खपत का पता चलता रहेगा।
वही निगम ने बिजली वितरण तथा खपत के इंतजाम को पारदर्शी बनाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की स्कीम पर पहले ही काम आरम्भ कर दिया है। स्मार्ट मीटर से लोगों को भी सहूलियत होगी तथा वो फ़ोन की भांति प्री-पेड योजना के तहत बिजली का उपभोग कर सकेंगे। झारखंड बिजली वितरण निगम को प्रदेश में बड़े स्तर पर होने वाली बिजली चोरी से प्रत्येक माह करोड़ों की चपत लग रही है। निगम प्रदेश में बिजली सप्लाई के लिए प्रत्येक माह 500 करोड़ से अधिक की राशि सप्लाई कंपनियों को चुकाता है, मगर इसके एवज में प्रत्येक महीने साढ़े तीन से चार सौ करोड़ ही राजस्व मिलता है।
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