नई दिल्ली : सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए संविधान संशोधन पर राज्य सभा का फैसला बाकी है, लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने इसे उच्च शैक्षिक संस्थानों में लागू कराने की कवायद भी शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी अनुसार मंत्रालय के प्रारंभिक आकलन में नया आरक्षण लागू किए जाने पर देश भर में करीब 10 लाख नई सीटें बढ़ानी होंगी। इसमें आईआईटी और आईआईएम भी शामिल हैं।
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लोकसभा में पास हुआ बिल
जानकारी के लिए बता दें केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को सामान्य वर्ग की एक अहम मांग को मानते हुए आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को सरकारी नौकरियों व शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी थी। भाजपा का अहम वोट बैंक मानी जाने वाली अगड़ी जातियां इस मुद्दे पर पार्टी से छिटकने का इशारा कर रही थीं। इसके लिए आवश्यक संविधान संशोधन भी मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया।
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सीटों को बढ़ाने की जरूरत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मानव संसाधन मंत्रालय ने प्रारम्भ में ही यह आंकड़ा जुटाना शुरू कर दिया है कि इस आरक्षण को लागू करने के लिए शैक्षिक संस्थानों में कितनी सीटों को बढ़ाने की जरूरत पड़ने वाली है। सूत्रों कि माने तो आरक्षण को लागू करने का तरीका अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता प्राप्त सरकारी व निजी, सभी प्रकार के विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों को इसे लागू करना अनिवार्य होगा।
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