युद्ध क्षेत्रों में बदल गए हैं शिक्षण संस्थान
युद्ध क्षेत्रों में बदल गए हैं शिक्षण संस्थान
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नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के बाद अब आईआईटी मद्रास के शिक्षकों ने उच्च शिक्षण संस्थानों के युद्ध क्षेत्र में बदलाव होने को लेकर चिंता जताई है। इस मामले में शिक्षकों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि शिक्षण संस्थान हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से युद्ध क्षेत्रों में बदल रहे हैं, जिसे लेकर उन्हें खासी चिंता है। आईआईटी मद्रास के 56 शिक्षकों के समूह ने इस मामले में अपना विरोध जताया है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लिखे एक पत्र में उनहोंने कहा है कि विरोध के नाम पर देश का बहिष्कार किया जा रहा है। यह किसी को भी सहन नहीं हो पाएगा। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। विरोध के नाम पर वे देश का बहिष्कार करने और बर्बादी से बचने का उपाय कर रहे हैं। शिक्षकों ने राष्ट्रपति से दखल देने की बात भी कही है।

शिक्षकों के एक समूह ने इस मामले में कहा कि वे देश की वर्तमान स्थिति को लेकर परेशान हैं। कुछ शिक्षाविदों, नेताओं और मीडिया के समूह ने शैक्षणिक संस्थानों को बैटल फिल्ड में ही बदल दिया है। इस तरह से शैक्षणिक स्वाधीनता का अर्थ है तोड़ मरोड़कर इसे पेश किया जा रहा है, जिसके कारण शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

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