नई दिल्ली : भारत की अर्थव्यवस्था को लगातार मजबूती मिल रही है और इसके साथ ही भारत का स्थान भी मजबूत हो रहा है. यह बताया जा रहा है कि इस आर्थिक वृद्धि का श्रेय मुख्यतः कच्चे तेल की कीमतों में हो रही गिरावट और साथ ही पूंजी व्यय पर ध्यान देने को जा रहा है. जहाँ एक तरफ वृद्धि देखने को मिल रही है तो वहीँ विदेशी ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी ने आज यह अंदेशा जाहिर किया है कि अगले साल भारत की इस वृद्धि में सेंध लग सकती है और यह चाल सुस्त पड़ सकती है.
एचएसबीसी ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए यह भी कहा है कि जिन मुख्य आधारों ने पिछले साल वृद्धि के चलते अधिक योगदान दिया है उनको आने वाले समय में कड़ी मुश्किल के दौर से गुजरना पड़ सकता है. गौरतलब है कि आज कच्चे तेल की कीमत जहाँ केवल 40 डॉलर प्रति बैरल देखने को मिल रही है वह कभी ऐसा भी समय था कि 110 डालर प्रति बैरल रही थी.
सातवे वेतन को लेकर एचएसबीसी ने कहा है कि इससे वतन बिल में भी उछाल देखने को मिल सकता है. वेतन की बढ़ोतरी किये जाने से निवेश को लेकर प्रभाव देखने को मिल सकता है और यह एक चुनौती के रूप में सामने आने वाला है.